इन दिनों बॉलीवुड की फिल्मों को बॉयकॉट करने का चलन कुछ ज्यादा ही चल रहा है। ‘लाल सिंह चड्ढा ’ के बाद अब फिल्म ‘रक्षा बंधन’ का भी विरोध देखने को मिल रहा है। ऐसे में सुपरस्टार अक्षय कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- भारत जैसे आजाद देश में फिल्मों का बहिष्कार करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि एक उद्योग के तौर पर सिनेमा भी राष्ट्र निर्माण में योगदान देता है।
अक्षय कुमार को उनकी आगामी फिल्म ‘रक्षा बंधन’ के साथ-साथ आमिर खान अभिनीत ‘लाल सिंह चड्ढा’ के खिलाफ सोशल मीडिया पर बहिष्कार के आह्वान पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था। इस पर एक्टर ने कहा- अगर आपका फिल्म देखने का मन नहीं है, तो न देखें। यह एक स्वतंत्र देश है और फिल्म भी इसका हिस्सा है, इसलिए अगर कोई इसे देखना चाहता है या नहीं, तो यह उनके ऊपर है।
अक्षय ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि चाहे वह कोई भी उद्योग हो, चाहे वह कपड़ा उद्योग हो, फिल्म उद्योग हो या कुछ और, इन सभी से अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है। लेकिन फिल्मों का बहिष्कार करने जैसी चीजें करने का कोई मतलब नहीं है।’’ इसके साथ ही उन्होंने लोगों से इस तरह के चलन का हिस्सा नहीं बनने की भी अपील की।
सुपरस्टार ने आगे कहा- ‘‘हम अपने देश को सबसे बड़ा और महान बनाने के मोड़ पर हैं। इसलिए मैं बस आपसे अनुरोध करूंगा कि इस तरह की बातों में नहीं आएं और मैं आपसे (रिपोर्टर से) भी अनुरोध करूंगा कि आप इन सब में नहीं पड़ें। यह बेहतर होगा। केवल हमारे देश के लिए।’’आनंद एल. राय निर्देशित यह फिल्म एक दुकान के मालिक राजू (अक्षय) की कहानी कहती है, जो अपनी चार छोटी बहनों की शादी करने के लिए संघर्ष कर रहा है। इसमें कुमार की ऑन-स्क्रीन बहनों की भूमिका में सादिया खतीब, सहजमीन कौर, दीपिका खन्ना और स्मृति श्रीकांत हैं।
फिल्म में दहेज का भी मुद्दा केंद्र में है, जिसे अभिनेता ने कहा कि ‘‘दुर्भाग्य से’’ अब भी यह समाज में प्रचलित है। उन्होंने कहा, ‘‘दूल्हे के परिवार को उपहार के नाम पर जो दिया जाता है, जिसे कुछ लड़कियों के माता-पिता दहेज कहते हैं... मेरी फिल्म इस समस्या के बारे में बात करती है। इसमें कई तत्व हैं जो इससे संबंधित हैं।’’