सावन का महीना शुरू होते ही शादीशुदा व कुवांरी लड़कियां हाथों में मेहंदी व चूड़ियां पहन लेती हैं। मान्यता है कि सावन व्रत करने से महिलाओं की हर मनोकामना पूरी होती है। मगर, क्या आप जानते हैं कि सावन का हरी चूड़ियों व मेहंदी लगाने का महत्व क्या है। आइए आपको बताते हैं कि सावन में महिलाएं क्यों पहनती हैं कांच की हरी-लाल चूड़ियां व हाथों में क्यों लगवाती हैं मेहंदी।
क्यों पहनी जाती है हरी-लाल चूड़ियां?
दरअसल, प्राकृतिक हरे रंग को जीवन व खुशियों का प्रतीक माना जाता है इसलिए शादीशुदा औरतें व कुंवारी लड़कियां सावन में हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। हरे रंग की चूड़ियां पति के लिए खुशियां, लंबा और सेहतमंद जीवन भी देती हैं और लाल सुहाग की निशानी होती है। वैसे हरा रंग दिमाग को शांत करने के साथ और घर में कलेश नहीं होने देता।
हरे रंग से भगवान शिव का क्या है कनैक्शन?
दरअसल, भगवान शिव प्रकृत्ति के बीच ही रहते हैं। यही वजह है कि उन्हें हरा रंग उन्हें भाता है इसलिए उन्हें बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि हरे-लाल रंग की चूड़ियां पहनने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
प्रकृत्ति का भी मिलता है आशीर्वाद
धर्मग्रंथों में हरियाली, पेड़ों-पौधों आदि की पूजा की जाती है। यह भी वजह है कि सावन में हरी रंग की चूड़ियां पहनने का चलन है। माना जाता है कि इससे प्रकृत्ति का आशीर्वाद मिलता है।
मेहंदी लगवाने का महत्व
हिंदू धर्म में किसी भी शादी के किसी भी खास अवसर पर मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है।मान्यता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, लड़की को उतना ही लाल व पति से प्यार मिलता है। यहीं वजह है कि सावन में मेहंदी लगवाने की प्रथा सदियों से चलती आ रही है।