भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और अलग-अलग धर्मों के कारण दुनिया भर से बिल्कुल अलग है। भारतीय रीति-रिवाज अंग्रेजों के दिलों पर भी राज करते हैं। लोगों की धार्मिक आस्था को देखते हुए स्वंय देवी-देवताओं ने इसे अपने निवास स्थान के लिए चुना है। भारत के हर किसी गली, मुहल्ले में आपको मंदिर मिल जाएंगे। ऐसे,भी भारत में कई मंदिर हैं, जिसका इतिहास सबसे अलग है। अगर आप दिल्ली के पास रहते हैं और जन्माष्टमी में किसी धार्मिक जगह पर घूमने का मन बना रहे हैं तो इन प्लेसेस पर जा सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर
नोएडा के पास बना हुआ खूबसूरत मंदिर इस्कॉन पर्यटकों का ध्यान खींच लेता है। इस मंदिर में अग्रेंजों की अक्सर भीड़ देखने को मिलती है। इसके अलावा भी लोग वीकेंड पर अपने परिवार के साथ यहां पर छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर इस्कॉन समाक का है। इसे श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिहर भी कहते हैं। यह मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। इसकी वास्तुकला भी पर्यटकों का काफी ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
श्री गौरी शंकर मंदिर
जन्माष्टमी की पूजा के लिए आप चांदनी चौक में स्थित गौरी शंकर मंदिर के दर्शन करने भी जा सकते हैं। यह मंदिर बहुत ही पुराना और प्रसिद्ध है। हर त्योहारों पर जहां भक्तों की भीड़ लग जाती है। इस मदिर में आप पूजा करने के साथ-साथ दिल्ली की संस्कृति अलावा व्यंजनों का भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा आप शहर के हस्त शिल्प कलाओं के चित्र भी देख सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर
अपने पूरे परिवार के साथ अक्षरधाम मंदिर की सैर करने भी जा सकते हैं। देखने में भी यह मंदिर काफी सुंदर है। इसलिए हर समय यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। यह मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर और संगमरमर ने बना हुआ है। यह मंदिर स्वामीनारायण का है। वास्तु शिल्प चमत्कार और जटिल नक्काशी संरचनात्मक भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
श्री शिव दुर्गा मंदिर
यह मंदिर पश्चिमी दिल्ली में स्थित है। यह मंदिर भक्तों का भी काफी पसंद आता है। इसकी स्थापना 1983 में की गई थी। जब ये मंदिर बनवाया गया था, तब से लेकर आजतक इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिलती है। खासकर शिवरात्री, तीज, सावन जैसे त्योहारों पर यहां पर शिव भजनों के साथ यह स्थान दोबारा से जीवंत हो जाता है। भांग, मिठाई और धार्मिक संस्कार के लिए अक्सर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।
योगमाया मंदिर
आप दिल्ली के योगमाया मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। यह मंदिर कुतुबमीनार से भी एकदम नजदीक है। यह काफी पुराना मंदिर भी है। इस मंदिर की धार्मिक मान्यता है कि इसका निर्माण महाभारत के बाद पांडवों ने किया था। इसका नाम भी भगवान श्रीकृष्ण की बहन के नाम पर पड़ा है। इस जन्माष्टमी इस खूबसूरत मंदिर की सैर कर सकते हैं।