बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। कोई भी दर्द वह सहन नहीं कर पाते। खासकर इंजेक्शन लगवाने से तो वह शुरु से ही कतराते हैं। बच्चों के लिए वैक्सीनेशन कितना आवश्यक है। लेकिन वैक्सीनेशन लगवाने के बाद का दर्द उनके लिए सहना मुश्किल हो जाता है। बच्च के जन्म के साथ ही कुछ जरुरी वैक्सीन लगने शुरु हो जाते हैं। यह वैक्सीन बच्चों को 12-15 तक की उम्र तक लगते हैं। इस वैक्सीनेशन में बच्चों के लिए कई सारे महत्वपूर्ण टीके भी शामिल हैं। वैसे तो आजकल कई सारे पेनलैस वैक्सीनेशन भी है। वैक्सीनेशन लगवाने के बाद बच्चों को बुखार भी आ सकता है। बच्चों के वैक्सीनेशन पेन को कम करने के लिए पैरेंट्स कुछ तरीके अपना सकते हैं...
यह वैक्सीन बच्चों के लिए होती हैं जरुरी
बच्चों के अपनी मां के जरिए एंटीबॉडी मिलती हैं। खासकर जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं उन्हें मां के दूध के जरिए एंटीबॉडी मिलती हैं। परंतु कई बार शिशु का शरीर भी कमजोर पड़ जाता है। इन सारी समस्याओं से बच्चों को बचाने के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक है। आपको कुछ ऐसे वैक्सीनेशन बताते हैं जो शिशु के लिए आवश्यक है...
. चिकनपॉक्स का वैक्सीन
. डिप्थीरिया का वैक्सीन
. हीमोफिलियस इन्फ्लुएंजा टाइप बी का वैक्सीन
. हेपेटाइटिस ए का वैक्सीन
. हेपेटाइटिस बी का वैक्सीन
. खसरा के लिए वैक्सीन
. पोलियो की वैक्सीन
. काली खांसी की वैक्सीन
बच्चों को वैक्सीन लगवाते समय पैरेंट्स ध्यान में रखें ये बातें
बच्चों को वैक्सीनेशन के दौरान संभालना मुश्किल हो सकता है। खासकर नवजात शिशु से लेकर 3 साल के बच्चे। आप बच्चों के वैक्सीनेशन दर्द को कम करने के लिए यह तरीके अपना सकते हैं।
वैक्सीनेशन है जरुरी
शुरुआती महीनों में बच्चों को बेबी शॉट्स भी बहुत ही जल्दी दिए जाते हैं। इस उम्र में बच्चों को गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है, जैसे खसरा, चिकनपॉक्स आदि। यह संक्रमण शिशु के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। कई बार जन्म के बाद बच्चों को बचाने के लिए टीका जरुरी होता है। अगर आप बच्चों को बड़े होने तक टीकों को रोकते हैं तो उनका बचाव करने में काफी देर हो सकती है।
जगह को सहलाएं
टीकाकरण के बाद आप बच्चे के इंजेक्शन वाली जगह को हल्के हाथों से सहलाएं। इससे बच्चों को काफी आराम भी मिलेगा। हल्की मालिश भी आप बच्चे की कर सकते हैं। इससे बच्चों को दर्द से थोड़ी राहत भी मिल सकती है।
बच्चे को दें टाइलेनॉल नामक वैक्सीन
आप बच्चों को वैक्सीन लगवाने से कुछ देर पहले टाइलेनॉल नाम दवा दें। यह दवा बच्चे के वैक्सीनेशन पेन को कम करने में सहायता करेगी। इसके अलावा इससे बच्चों को बुखार भी कम आएगा। यदि बच्चे को बुखार ज्यादा है तो टीके के बाद बुखार को कम करने के लिए डॉक्टर से भी सलाह जरुर लें। आप बुखार कम करने के लिए टाइलेनॉल नामक टीके का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दे शांति का माहौल
वैक्सीनेशन लगवाने के बाद आप बच्चों को शांति भरा माहौल दें। इससे उसे नींद भी अच्छी आएगी। कई बच्चे वैक्सीनेशन के बाद काफी रोते हैं। जिससे उन्हें थकान, चिड़चिड़ापन हो सकते है। इसलिए वैक्सीन लगवाने के बाद आप बच्चों को आरामदायक माहौल दें। इसके अलावा बच्चों को सामान्य तापमान वाले कमरे में रखें।
पहनाएं आरामदायक कपड़े
वैक्सीनेशन लगवाने के बाद बच्चों को ज्यादा हैवी और चिपके कपड़े भी परेशान करते हैं। इसलिए उन्हें वैक्सीन लगवाने के बाद आप आरामदायक कपड़े ही पहनाएं।
वैक्सीनेशन के दौरान रखें अपनी गोद में
आप बच्चों के वैक्सीन लगवाने के दौरान अपनी गोद में लेटाएं। आपकी स्किन कॉन्टैक्ट से बच्चे को राहत मिल सकती है। इससे आपका बच्चा काफी आरामदायक महसूस कर सकता है।
ब्रेस्टफीडिंग करवाएं
मां के दूध में दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। बच्चे को वैक्सीन लगवाने के दौरान आप ब्रेस्टफीडिंग करवाएं। इससे भी उनका दर्द काफी हद तक कम होगा। आप दर्द को कम करने के लिए कोई दर्द निवारक क्रीम या आयनमेंट भी लगा सकते हैं। इससे बच्चों को काफी आराम मिलता है। परंतु बिना डॉक्टर की सलाह की किसी भी दवाई या क्रीम का इस्तेमाल न करें।
पैनिक न हों
कई बार माता-पिता बच्चों को दर्द देख नहीं पाते और पैनिक हो जाते हैं। लेकिन बच्चों को वैक्सीनेशन के दौरान दर्द होना आम बात है। इसलिए आप घबराएं नहीं। वैक्सीनेशन के बाद बच्चे को कुछ दुष्प्रभाव जैसे बुखार और दर्द भी हो सकती है। इसके अलावा कई बार गंभीर साइडइफेक्टस भी वैक्सीनेशन के हो सकते हैं। बच्चे को अधिक वैक्सीनेशन दर्द से बचाने के लिए आप एक बार एक्सपर्ट्स की सलाह भी जरुर ले लें।