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अनसुना किस्सा: जब लता मंगेशकर ने लाखों लोगों के बीच उदित जी को गिफ्ट की थी Gold चेन

  • Edited By neetu,
  • Updated: 28 Sep, 2021 02:21 PM
अनसुना किस्सा: जब लता मंगेशकर ने लाखों लोगों के बीच उदित जी को गिफ्ट की थी Gold चेन

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने बॉलीवुड को कई हिट गाने दिए। शायद इसलिए वे आज भी बॉलीवुड इंडस्ट्री और लोगों के दिलों पर राज करती है। उन्होंने कई सिंगर के साथ भी मिलकर गाने गाए है। उनमें से एक उदित नारायण भी है, उदित जी लता जी के साथ गाना गाने पर खुद को खुशनसीब समझते हैं। इस पर उदित जी का कहना भी है कि वे उनके जनरेशन के एकलौते ऐसे सिगंर हैं, जिन्होंने लता जी के साथ कई सुपरहिट गाने दिए। ऐसे में लता मंगेशकर के 92 वें जन्मदिन के खास अवसर पर आज हम आपको सिंगर उदित नारायण के लता दीदी के साथ जुड़े कुछ किस्से बताते हैं।

उदित नारायण को छोटे भाई की तरह करती है प्यार

एक इंटरव्यू के दौरान उदित जी ने कहा था, कि वे लता जी के साथ गाना गाने पर खुद को खुशकिस्मत मानते हैं। उन्होंने अपनी जनरेशन के सिंगर्स में से लता जी के साथ सबसे ज्यादा गाने गाए थे। इसके अलावा लता जी उन्हें अपने अपने छोटे भाई मानती व प्यार करती है। साथ ही उदित जी ने कहा कि, उनसे मिलने के बाद उन्होंने कई फिल्मों में गाने ही नहीं मिला बल्कि लोगों को उनकी जुगलबंदी पसंद भी आई।

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उदित नारायण को प्रिंस ऑफ प्लेबैक का टाइटल

उदित जी ने आगे कहा कि वे लता जी को देखते ही उनका आशीर्वाद लेने चले जाते हैं। लता जी कहती है कि, उन्हें मेरी आवाज एकदम ओरिजनल लगती है। वे कहती है कि मुझे इस जनरेशन के सिंगर्स की आवाज अच्छी लगती है। मगर मुझे तुम्हारी आवाज सबसे अधिक पसंद है। ऐसे में सुरों की रानी से यह बात सुनते हुए लगता है कि जैसे मुझे सबकुछ मिल गया हो। साथ ही उन्होंने उदित जी का नाम 'प्रिंस ऑफ प्लेबैक सिंगर' रखा था।

शो दौरान लोगों के बीच गिफ्ट की सोने की चेन

एक शो के दौरान उदित जी और लता जी से एक बेहद ही दिलचस्प किस्सा जुड़ा हुआ है। 1 दिसंबर को उदित जी का जन्मदिन होता है। संयोगवश 1992 में बैंगलोर के एक स्टेडियम में उनका शो होने वाला था। उस दौरान  मदन मोहन साहब के बेटे संजीव कोहली ने लता जी के पास जाकर उनके जन्मदिन की बात कह दी। उस समय शो पर करीब 2-3 लाख लोग थे। उस दौरान लता जी ने सभी के बीच मुझे सोने की चेन बर्थडे के मौके पर गिफ्ट कर दी। इसके साथ ही स्टेस पर मौजूद एंकर से कहा कि अनाउंसमेंट करो कि उदित नारायण प्लेबैक सिंगिग के प्रिंस हैं। उस समय लता जी से उदित नारायण को ये टाइटल मिला था।

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नहीं सोचा था सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के साथ गाने का सपना होगा सच

बाकी कलाकारों की तरह उदित जी ने भी सिंगर बनने के लिए बेहद स्ट्रगल किया था। इस पर वे कहते हैं कि अपने स्ट्रगल के दिनों में वे कई म्यूजिक स्टूडियो के चक्कर काटते थे। साथ ही करीब 2 साल तक वे लता जी को दूर से देखते थे। वे जिस स्टूडियो में गाती थीं, उदित जी दूर से ही उन्हें देखकर सीखा करते थे। वे किस तरह चलती, माइक पकड़ी व गाती है, इसे देखकर वे सीखते व इसे खुद की ट्रेनिंग की तरह की समझते थे। फिर जब उन्हें उनके साथ गाने का मौका मिला तो वे पहले यकीन नहीं कर पाएं। साथ ही वे उस दौरान इतना नर्वस हो गए थे कि वे कुछ बोल ही नहीं पाए थे।

उन चार लाइनों ने मेरी जिंदगी बदल दी

आगे उदित जी ने बताया, "आरडी बर्मन साहब ने कहा देखों... लता जी के साथ गाने का अच्छा मौका है, चार लाइनें गा लोगे तो आने वाले समय में तुम्हारा रास्ता खुल जाएगा। वहीं, चार लाइनें इतिहास है...जीवन के दिन छोटे सही, हम भी बड़े दिलवाले।'

एक साथ दिए कई सारे स्टेज परफॉर्मेंस

उसके बाद उदित जी ने अपने करियर में लता जी के साथ कई सारे स्टेज परफॉर्मेंस किए। इस पर उदित जी का कहना है कि, 'मैं जब भी उनके साथ गाता हूं तो वे मेरे एक्शन को देखकर हमेशा कहती है कि आप इतनी एक्टिंग कैसे कर लेते हैं? इसपर मेरा जवाब हमेशा यही रहता है कि चाहे असल जिंदगी में हमारा रिश्ता भाई-बहन का हो मगर गाने में रोमांस है। इसलिए लोगों को यह दिखाना बेहद जरूरी है ना...

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इस बात पर मुझे यकीन नहीं हुआ था

लता दीदी अपने साथी सिंगर्स को हमेशा इनकरेज करती है। इसपर एक किस्सा शेयर करते हुए उदित जी का कहना है कि, 'जब वीर-जारा फिल्म का जानम देख लो मिट गईं दूरियां गाना रिलीज हुआ था तब लता जी ने उन्हें पर्सनली कॉल की थी।' उन्होंने कहा कि, 'मैं लता मंगेशकर बोल रही हूं। मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है। पहले तो यह सुनकर मुझे लगा कि शायद वो मजाक कर रही हैं।' लता जी मुझे फोन कैसे कर सकती है। फोन पर उन्होंने आगे कहा कि वे इस समय अंधेरी स्टूडियो में हूं और मुझसे मिलना चाहती है। उस समय मुझे इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ था। साथ ही लगा था कि कोई मेरे साथ मजाक कर रहा है।'

मेरे घर पर भी उन्होंने 4 घंटे बीताएं थे

उस फोन कॉल अगले ही 15 मिनट के बाद लता जी की गाड़ी उदित नारायण के घर के बाहर आकर खड़ी हो गई। तब उन्होंने मेरे घर पर करीब 4 घंटे बीताएं। उस समय मेरे माता-पिता भी वहीं थे। लता जी ने हमारे साथ पोहा खाया। इसके अलावा उदित जी कहते हैं, '21 सितंबर का दिन उन्हें आज भी अच्छे से याद है। उस समय उन्होंने दार्जलिंग में लता के साथ 2 बार चाय पी व ढ़ेर सारी बातें की थी।' इसके साथ ही उदित जी का कहना है कि उन्हें आज भी ऐसा लगता है कि ऐसा कुछ सच में कभी हुआ था कि साक्षात सरस्वती मां उनके घर पर आई थी।'

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लता जी के जन्मजिन पर उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं

उदित जी आज लता जी के जन्मदिन पर कहते हैं कि, उनकी जो कला व आवाज साक्षात सरस्वती हैं। जो कि मेरे और हमारे देश के लिए भाग्य की बात है। मैं उनके लिए भगवान से प्रार्थना करता रहूंगा कि जब तक धरती-आकाश रहेंगे, तब तक उनके ये गाने लोगों को दिलों में जिंदा रहे। साथ ही उनकी उम्र हजार साल की हो।

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