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सिर्फ सरसों और घी ही नहीं खाना बनाने के लिए ट्राई करें ये  कुकिंग ऑयल्स भी, हेल्दी रहेंगे आप !

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 01 Nov, 2024 04:29 PM
सिर्फ सरसों और घी ही नहीं खाना बनाने के लिए ट्राई करें ये  कुकिंग ऑयल्स भी, हेल्दी रहेंगे आप !

नारी डेस्क: भारतीय खाने में स्वाद, सेहत और पौष्टिकता को ध्यान में रखते हुए सही प्रकार के कुकिंग ऑयल का चयन करना बहुत जरूरी है। हालांकि ये एक बेहद बड़ी उलझन है कि कौन से तेल सेहतमंद हैं और कौन से नहीं? सबसे अच्छे तेल वे हैं जिसमें स्मोकिंग पॉइंट अलग- अगल होता है। एक डीप फ्राई करने के लिए अच्छा हो सकता है, जबकि दूसरा सलाद ड्रेसिंग के लिए उपयुक्त हो सकता है। आज आपको देते हैं हर तरह के तेल से जुड़ी सही जानकारी।

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सरसों का तेल 

 सरसों का तेल भारतीय व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल होता है, खासकर पूर्वी और उत्तर भारत में। इसे सब्जियों की भुजिया, पकौड़े, अचार और मांसाहारी व्यंजनों में इस्तेमाल कर सकते हैं।सरसों का तेल अक्सर थोड़ा कड़वा हो सकता है, इसलिए इसे पकाने से पहले हल्का गरम करें (स्मोक पॉइंट तक), जिससे कड़वाहट कम हो जाती है। इसका स्मोक पॉइंट लगभग 250°C होता है, यह डीप फ्राई और उच्च तापमान पर पकाने के लिए उपयुक्त होता है।


घी

घी भारतीय पकवानों में सदियों से इस्तेमाल होता आया है। दाल, सब्जियां, पराठे, रोटियां और मिठाइयां बनाने में इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पाचन के लिए भी अच्छा माना जाता है। घी को कम आंच पर इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इसके पोषक तत्व बरकरार रहें। घी का उपयोग गरम मसाले या तड़के के रूप में किया जा सकता है। घी का स्मोकिंग पॉइं 250°C  होता है, इसे हाई हीट कुजिन जैसे तड़के, डीप फ्राई या कुकिंग के लिए उपयोग कर सकते हैं।

 

नारियल तेल

दक्षिण भारतीय खाना बनाने में नारियल तेल का खास स्थान है। यह इडली, डोसा, सांभर, और मीठे व्यंजनों में इस्तेमाल होता है। नारियल तेल को मध्यम तापमान पर ही गरम करना चाहिए। ठंडी रेसिपीज़, जैसे चटनी या सलाद में भी इसे कच्चा इस्तेमाल कर सकते हैं। लगभग नारियल के रिफाइंड तेल का स्मोकिंग पॉइंट 177°C - 232°C  होता है।  नारियल का रिफाइंड तेल मध्यम तापमान की कुजिन के लिए उपयुक्त है, जबकि वर्जिन नारियल तेल ठंडे या हल्के गर्म व्यंजनों के लिए अच्छा है।

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तिल का तेल (सेसमी ऑयल)

 तिल का तेल भारतीय खाने में विशेषकर राजस्थान और दक्षिण भारत में लोकप्रिय है। इसे अचार, तड़के और सब्जियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। तिल के तेल को हल्के गर्माहट पर ही पकाएं। इसका स्वाद गाढ़ा होता है, इसलिए इसे कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। इसका स्मोकिंग पॉइंट  लगभग 177°C - 210°C  होता है।यह तेल मध्यम तापमान के लिए उचित है और हल्की भूनाई में प्रयोग में आता है।

 

सूरजमुखी का तेल

यह हल्के स्वाद वाला तेल है, जो डीप फ्राई, सब्जियों और रोटियों के लिए अच्छा है। यह हाई हीट कुजिन के लिए भी बढ़िया है। सूरजमुखी के तेल का स्मोक पॉइंट  लगभग 232°C  होता है जो काफी हाई है, इसलिए इसे तलने और भुनाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

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जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल)


ऑलिव ऑयल को भारतीय व्यंजनों में ज्यादा गरम करने की बजाय सलाद, पका हुआ खाना या मध्यम गरम खाने में इस्तेमाल करना अच्छा होता है। हल्के ऑलिव ऑयल को कम हीट पर खाना बनाने के लिए प्रयोग करें और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का उपयोग सलाद में करें।

       -एक्स्ट्रा वर्जिन: 160°C  
     - सलाद, ठंडे व्यंजन, और हल्के तापमान पर पकाने के लिए अच्छा।
    - रिफाइंड ऑलिव ऑयल*: 220°C  
     - इसे मध्यम-उच्च तापमान पर कुकिंग के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

 

मूंगफली का तेल

 मूंगफली का तेल महाराष्ट्र और गुजरात की रेसिपीज में प्रचलित है। यह तेल तलने और डीप फ्राई करने के लिए उपयुक्त है।  मूंगफली का तेल हल्के से मध्यम तापमान पर पकाने के लिए ठीक होता है। इसका स्मोक पॉइंट  लगभग 225°C  होता है । यह उच्च तापमान पर पकाने और तलने के लिए उपयुक्त होता है।

 

स्वास्थ्य के लिए सुझाव


   - तेल का उपयोग कम मात्रा में करें और तेलों को बार-बार न गरम करें।
   - विभिन्न प्रकार के तेलों को रोटेट कर के उपयोग करें ताकि आपके भोजन में पोषक तत्वों की विविधता बनी रहे।
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क्या होता है स्मोकिंग पॉइंट

तेलों का स्मोकिंग पॉइंट वह तापमान होता है, जिस पर तेल गर्म होकर धुआं छोड़ने लगता है और इसके पोषक तत्व टूटने लगते हैं। तेल के स्मोकिंग पॉइंट पर पहुंचने के बाद उसमें हानिकारक तत्व बनने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। प्रत्येक तेल का स्मोकिंग पॉइंट अलग होता है, और इसके अनुसार ही उनका उपयोग करना उचित होता है। तेलों का सही उपयोग उनकी गर्मी क्षमता के अनुसार करने से भोजन की गुणवत्ता बढ़ती है और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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