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अगर काट ले कुत्ता तो तुरंत करें ये उपचार नहीं तो फैल जाएगा इंफेक्शन

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 30 Jan, 2024 08:12 PM
अगर काट ले कुत्ता तो तुरंत करें ये उपचार नहीं तो फैल जाएगा इंफेक्शन

घर की रखवाली और अकेलेपन को दूर करने के लिए अक्सर लोग घर में पेट्स रखते हैं और इन पेट्स में कुत्ता पालना सबसे आम होता है लेकिन कई बार जाने-अनजाने में ये पालतु कुत्ते भी काट लेते हैं। वही घर के आस-पास रहते अवारा कुत्तों में तो यह डर बना ही रहता है। अगर कुत्ता काट ले तो तुरंत उपचार करवाना जरूरी है क्योंकि इससे रेबीज होने का खतरा बना रहता है। अगर स्टडी की बात करें तो भारत में 36 फीसदी मौतें रेबीज फैलने के कारण होती है। रेबीज से हर साल 18 से 20 हजार लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं जिनमें ज्यादा संख्या बच्चों की होती है क्योंकि बच्चे कुत्‍तों का आसान शिकार होते हैं। अगर बच्चे या बड़े किसी व्यक्ति को कुत्ता काट लें तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए ताकि बाद में किसी तरह की इंफेक्शन फैलने का खतरा ना रहें।

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कुत्ते के काटने पर ऐसे करें उपचार

जख्म को क्लीन करें

कुत्ते के काटने के तुरंत बाद जख्मी हुई जगह को कपड़े से साफ करें फिर 10 से 15 मिनट तक उसे एंटीसेप्टिक सोप व पानी से अच्छी तरह से धोएं ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाएं। इसके बाद उस पर एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन को लगाएं।

खून बहने से रोकें

कई बार जख्म को धोने के बाद भी खून बंद नहीं होता, ऐसे में खून को रोकने के लिए कपड़े का प्रयोग करें। कपड़े से स्किन को दबाएं। उसके बाद लोशन लगाकर बैडिड से कवर करें।

इंजेक्शन जरुर लगवाएं

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कुत्ते के काटने से रेबीज़ होने का खतरा बना रहता है। रेबीज़ से बचाव के लिए डाॅक्टर से एंटी रेबीज का इंजेक्श ज़रूर लगवा लें। कुत्ता काटने के 24 घंटे के अंदर-अंदर तक एंटी रैबीज का इजेक्शन हर हाल में लगवा लेना चाहिए।अक्सर कुत्ता काटने के बाद 5 इंजेक्शन लगवाना पड़ता है लेकिन पहला इंजेक्शन 24 घंटे में ही लग जाना चाहिए। इसके बाद दूसरा इंजेक्शन तीसरे दिन, तीसरा 7वें दिन, चौथा 14वें दिन और आखिरी 28वें दिन लगता है। कई बार इंजेक्शन लगवाने के बाद बुखार जैसी समस्या भी हो सकती है ऐसे में घबराने की  जरूरत नहीं है। इसके अलावा ज़रूरत के मुताबिक एंटी रेबीज इम्यूनोग्लोबिलिन भी दिया जाता है। रेबीज के बाद शरीर एंटीबॉडीज़ को बनाने में समय लेती है। ऐसे में इम्यूनोग्लोबिन इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।

सर्जिकल सुचर यानी टांके लगवाए

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अगर घाव बहुत गहरा है, तो उसे पूरी तरह से क्लीन करके और ब्लड रुकने के बाद टांके यानी सर्जिकल सूचर करवा लें। इससे जख्म आसानी से भर जाता है।

जख्म पर न लगाएं ये चीज़े

जख्म पर नमक, मिर्च, नींबू और हल्दी को नहीं लगाना चाहिए। इससे जलन की संभावना बनी रहती है क्योंकि ये स्किन के लिए इरिटेंट्स का काम करते हैं।

खाने में इन चीजों से करें परहेज

वैक्सीनेशन के साथ-साथ खानपान का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में मरीज को इम्‍यूनिटी बढ़ाने वाला खाना जैसे ताजा फल, सब्जियां, जूस, सुपाच्य देना चाहिए। तला-भुना भोजन, चिप्स आदि ज्यादा मसालेदार चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए।

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