हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत कब क्या बोल जाए कोई नहीं जानता। कई बार तो वह दूसरों पर हमला करते- करते खुद ही निशान पर आ जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, अब उन्होंने देश में हुए किसान आंदोलन पर कुछ ऐसा कह दिया जिसपर बड़ा बवाल खड़ा हो गया। अब तो उनकी पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया।
भाजपा ने सोमवार को किसानों के विरोध पर अपनी सांसद कंगना रनौत की विवादास्पद टिप्पणी से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में ऐसी टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल कंगना ने यह सुझाव देकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर शीर्ष नेतृत्व पर्याप्त मजबूत नहीं होता तो किसानों के विरोध प्रदर्शन से देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी।
मंडी सांसद ने एक्स पर साझा किए गए एक वीडियो में, आरोप लगाया कि अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के दौरान “लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे”। इतना ही नहीं उन्होंने विरोध प्रदर्शन जारी रहने के लिए निहित स्वार्थों और विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता।
अब भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कहा- , “किसान आंदोलन के संदर्भ में भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिया गया बयान पार्टी की राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान से अपनी असहमति व्यक्त करती है।” बयान में कहा गया है कि भाजपा की ओर से रनौत को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बयान देने की न तो अनुमति है और न ही उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। बयान में कहा गया कि- "भारतीय जनता पार्टी की ओर से कंगना रनौत को भविष्य में इस तरह का कोई बयान न देने का निर्देश दिया गया है।