अकसर हमारे बड़े हमें ये बात समझाते हैं कि दूध, दही, घी ही हमारी सेहत के लिए अच्छा है या फिर घर का बना खाना ही हमें ताकतवर बनाता हैं। साथ ही उनका ये भी कहना है कि अच्छा खाने-पीने व कसरत करने से ही शरीर को तंदरुस्त रखा जा सकता है। लेकिन आज के जमाने में सब लोगों की जीब पर बाजार के खाने का स्वाद बैठ चुका है। हालांकि लोग बाहर की चीजें ही खाना ज्यादा पसंद करते हैं और समय बचाने के लिए सोचते हैं कि बाहर से खाना ऑर्डर कर लेना ही सही रहेगा, लोकिन वे ये नहीं जानते कि पैकेट वाला खाना हमारे शरीर, हड्डियों और दिमाग के लिए कितना हानिकारक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें पाचन योग्य भाजन न करने से कई तरह की शिकायतें बढ़ जाती हैं, ऐसे में डायटीशियन भी आसानी से पचने वाला ताजा और गर्म भोजन करने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन क्या आपने एक बात पर गौर किया है- 'क्या हमारे घर की रसोई में सभी चीजें स्वस्थ हैं? इसका जवाब है नहीं। हमारे किचन में भी कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो साइलेंट किलर का काम करते हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कौन-कौनसी हैं वे चीजें जिनसे आपको हो सकता है जानलेवा खतरा-
चीनी
चीनी अपने कंसंट्रेटिड फाॅर्म में जहर का काम करती है क्योंकि यह जोड़ों, लिवर और मस्तिष्क में सूजन का कारण बनती है। अगर आपको कोई चोट या फिर कोई पुरानी बीमारी है, तो चीनी आपके शरीर के ठीक होने में बाधा उत्पन्न करने का काम करती है। चीनी कैंसर कोशिकाओं और सभी संक्रामक रोगों को ऊर्जा प्रदान करती है। यह पोषक तत्व, विशेष रूप से सभी मिनरल्स को एब्जोर्ब करने से भी रोकता है।
आटा
आटा हड्डियों को कमजोर बनाता है क्योंकि आटा कैल्शियम को अवशोषित करता है। इसी के साथ मैदा भी आटे से बनता है और मैदा तो हमारे अंतड़ियों के लिए आटे से भी ज्यादा हानिकारक होता है। मैदे वाले खाद्य पदार्थों के बार-बार सेवन से वजन बढ़ता है। इतना ही नहीं आटा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। मैदा अम्लीय (खट्टा) होता है क्योंकि इसे बनाने के दौरान इसके रेशे और प्रोटीन में भारी कमी होती है।
नमक
नमक का ज्यादा सेवन करना आपके ह्रदय के लिए ठाक नहीं होता। बहुत अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने वाले लोगों में स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर साल लगभग 11 मिलियन लोग खराब भोजन से मरते हैं, जिनमें से 30 लाख लोग नमक के अत्यधिक सेवन के कारण मर जाते हैं।
तेल
जिन लोगों को तैलीय पदार्थ और फास्ट फूड पसंद होते हैं, उनको मोटापे के साथ-साथ मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा अधिक तेल के सेवन से शरीर में चर्बी की मात्रा बढ़ जाती है। पेट दर्द, सूजन, दस्त और उल्टी जैसी रोग भी हो सकते हैं। तैलीय खाद्य पदार्थों के सेवन से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इससे शरीर में रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है।
रिफाइंड तेल
रिफांड तेल का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है। रिफाइंड तेल का इस्तेमाल खाना पकाने में किया जाता है लेकिन शुद्धीकरण की प्रक्रिया तेल को ऑक्सीडाइज कर देती है, जिससे यह टॉक्सिक बन जाता है।
भले ही अधिकांश रिफाइंड तेल पोषक तत्वों से भरपूर होने का दावा करते हैं, लेकिन रिफाइनिंग की प्रक्रिया तेल के फायदों को खत्म कर देती है। तो वहीं, एक ही तेल को दोबारा गर्म करने और दोबारा इस्तेमाल करने से शरीर में कैंसर का खतरा होता है।