बदलती टैक्नोलोजी के चलते कई तरह की चीजें बदली हैं। वैज्ञानिक नई-नई खोज के साथ आए ऐसी तकनीकें लेकर आते हैं जिसके कारण मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी से हो जाता है। ऐसी ही एक घटना इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इस घटना में भ्रूण से जन्म लेने के लिए दो जुड़वा बच्चों को 30 साल से भी ज्यादा का समय लगा। इन बच्चों का नाम लिडिया और टिमोथी रिजवे है। परंतु इन दोनों के जन्म में इतना समय क्यों लगा आज आपको इस बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं....
आईवीएफ के जरिए हुआ जन्म
22 अप्रैल 1992 में एक कपल ने आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए भ्रूण बनाए थे इन्हें तभी से लिक्विड नाइट्रोजन में 196 डिग्री सेल्सियस पर एकदम सुरक्षित रखा गया था। आपको बता दें कि आईवीएफ के जरिए कई भ्रूपण बनाए जा सकते हैं जिन्हें बाद में उन लोगों को दिया जाता है जिनके बच्चे नहीं होते। 1992 में बने भ्रूणों को डोनेट कर दिया गया था जिसके बाद काफी समय बाद इन भ्रूणों को पोर्टलैंड के एक कपल को दिया गया। हैरानी की बात यह थी कि जब इन भ्रूण को पहली बार जमाया गया था तब इनके पिता की उम्र सिर्फ 5 साल थी। इस कपल के पहले से ही चार बच्चे हैं जो अभी 10 साल से कम उम्र के हैं।
कपल को चाहिए थे पुराने भ्रूण
वहीं जब कपल से पूछा गया कि उन्होंने इतने पुराने भ्रूणों को क्यों चुना तो उन्होंने कहा कि हमें वे भ्रूण नहीं चाहिए जो दुनिया में लंबे समय तक जमे हुए थे बल्कि हमें वे भ्रूण चाहिए थे जो एक लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। भ्रूणों को एक निर्धारित पीरियड तक जमाया जाता है लेकिन सामान्य होने के बाद इनके जीवित रहने का दर सिर्फ 80% होता है। ऐसा नहीं होता कि सारे भ्रूणों को नया जीवन मिल पाए। परंतु इस मामले में 5 भ्रूणों को पिघलाया गया था जिसमें से 3 ही नए जीवन के लिए तैयार हुए परंतु इनमें से सिर्फ दो ही जन्म ले सके।
एकदम स्वस्थ थे बच्चे
भ्रूण चाहे जितने भी समय के लिए एक डीप फ्रीजर में रखे जाए लेकिन उससे जन्म लेने वाले बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह एकदम स्वस्थ होते हैं। ऐसे ही लिडिया और टिमोथीने इस दुनिया में आने के लिए काफी लंबा इंतजार किया। जब दोनों का जन्म हुआ तो लिडिया 2.6 किलो की थी और टिमोथी 2.9 किलो की । दोनों बच्चे अब एकदम स्वस्थ है।