22 NOVFRIDAY2024 8:49:46 AM
Nari

बच्चों को डिप्रेशन से बचाइए,  इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें Parents

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 Mar, 2023 10:36 AM
बच्चों को डिप्रेशन से बचाइए,  इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें Parents

कोविड-19 वैश्विक महामारी का किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा। हालांकि इस दौरान धुम्रपान और मदिरापान की आदत कम हुई, लेकिन अब यह फिर बढ़ती जा रही है। ‘द लांसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया। अध्ययन में वैश्विक महामारी से पहले और उसके दौरान दो साल तक उत्तरी अमेरिकी और आइसलैंड के 13 से 18 वर्षीय 64,000 से अधिक किशोरों के नमूनों पर गौर किया गया। 


Depression के बढ़े लक्षण

अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और उनके सहकर्मियों ने पाया कि 2021 के अध्ययन में कोविड-19 वैश्विक महामारी के वैश्विक प्रसार के एक वर्ष के भीतर 13 से 18 वर्षीय किशोरों में अवसाद के लक्षण बढ़े और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इसका असर दिखा। हालांकि इस दौरान धूम्रपान और मदिरापान की आदत कम हुई। इस अध्ययन के निष्कर्षों पर और गौर करते हुए नए अध्ययन में पता चला कि वैश्विक महामारी के दो साल तक के प्रकोप के दौरान किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव रहा। 

PunjabKesari
 बच्चों को लेकर बढ़ी चिंता


आइसलैंड में रेकजेविक विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एवं अध्ययन की वरिष्ठ लेखिक थोर्हिल्दुर हैल्डोरस्डोटिर ने कहा- ‘‘ वैश्विक महामारी के दो साल बाद भी किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के अधिक मामले देखना चिंताजनक है। शोधकर्ताओं ने कहा कि समाज में घुलने-मिलने के लिए माता-पिता का समर्थन और हर रात औसतन आठ घंटे या उससे अधिक की नींद लेने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है और धूम्रपान तथा मदिरापान की आदत में कमी आ सकती है। 

PunjabKesari
बच्चों में दिखते हैं ये लक्षण 

बच्चे का स्वभाव चिड़चिड़ापन आपा।
अकेले बैठना पसंद करना। 
सिर में दर्द रहना, थकान महसूस होना।
किसी भी काम में मन ना लगना।
 डेली रुटीन की आदतों में भी बदलाव आना।

PunjabKesari
इस तरह रखें बच्चों का ख्याल

बच्चे के मन की बात को समझें। उन्हें डांटने की जगह आप उन्हें समझने का प्रयास करें।
बच्चे को ऐसा अनुभव ना कराएं कि उसके साथ कुछ बहुत बुरा हो गया है।
उनके रुटीन में तब तक कोई बदलाव ना करें, जब तक डॉक्टर सजेस्ट ना करे
उसके साथ खेल खेलें, ताकि वह आपके साथ सहज फील करे और आपसे खुलकर अपनी समस्या बता पाए। 
बच्चे के सामने आप बिल्कुल भी न झगड़ें। इससे उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। 

Related News