अभिनेता सनी देओल का कहना है हर कोई पर्दे पर एक सुपरहीरो को देखना चाहता है और उनकी आगामी फिल्म 'गदर 2' में उनके द्वारा निभाया गया तारा सिंह का किरदार किसी ‘हल्क' या ‘सुपरमैन' से कम नहीं है। देओल ने शनिवार को सिनेमा जगत में 40 वर्ष पूरे किये। उन्होंने कहा कि वह किसी भूमिका की तैयारी में विश्वास नहीं करते, क्योंकि अभिनय एक कला है।
सनी देओल ने एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म 'गदर' के प्रसिद्ध 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' दृश्य का उदाहरण देते हुए कहा कि जब किसी किरदार को मुश्किल विकल्प का सामना करना पड़ता है, तब 'भगवान' रास्ता दिखाने के लिए पर्दे पर आते हैं। इस सब बातों के बीच उन्होंने एक्टर्स के बॉडी शेव काे लेकर बड़ा बयान दे दिया।
सनी का कहना है कि आज कल की जेनरेशन वाले एक्टर्स बॉडी बनाने और डांस करने को एक्टिंग समझते हैं। उन्हें लगता है कि बॉडी बना लिया और डांस कर लिया तो एक्टर बन जाऊंगा। उन्होंने इस दौरान किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन ये जरूर कहा कि बॉडी को शेव करके उन्हें लगता है कि वो 'स्टार' बन गए हैं.. लेकिन मुझे तो ऐसा करने में बहुत ज्यादा शर्म आती है, जब हम अपने बॉडी शेव कर लेते हैं, लगता है कि लड़की बन गए है.."।
देओल आगे कहते हैं- हम लोग एक्टर्स हैं न कि बॉडी बिल्डर्स। हम लोग एक्टिंग करने आते हैं न कि बॉडी बिल्डिंग करने। आज कल इस माइंडसेट के साथ एक्टर्स आते हैं और कहते हैं कि मेरी बॉडी है और मैं डांस करना जानता हूं तो मैं एक्टर बनने के लिए एलिजिबल हूं। इस दौरान उन्होंने सीमा हैदर को लेकर भी अपनी राय की। वह कहते हैं कि अब टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आ चुका है। आज के जमाने में लोग एप्स के जरिए मिलते हैं, बात करते हैं, लेकिन ऐसा पहले नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि वो अंजू और सीमा हैदर की कहानी से जुड़ नहीं पाए रहे हैं।
इससे पहले सनी देओल ने नेपोटिज्म पर अपनी राय रखते हुये कहा था कि यदि उनके पिता धर्मेन्द्र अभिनेता नहीं होते तो शायद वह भी अभिनेता नहीं होते, हालांकि सफलता व्यक्तिगत होती है। उन्होंने कहा- नफरत और नेपोटिज्म उन लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है, जो परेशान हैं। यदि कोई पिता अपने बेटे या बेटी के लिए कुछ करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है? यदि पिता अपने परिवार के लिए नहीं करेगा तो वह किसके लिए काम कर रहा है?