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आज रात करें ये 3 उपाय, कार्तिकेय की कृपा से दूर होंगे दुख-दर्द

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 01 Jun, 2025 03:34 PM
आज रात करें ये 3 उपाय, कार्तिकेय की कृपा से दूर होंगे दुख-दर्द

नारी डेस्क: हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि आती है जिस दिन स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इस समय ज्येष्ठ का महीना चल रहा है। इसलिए इस महीने ज्येष्ठ स्कंद षष्ठी का उपवास रखा जाएगा। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार 31 मई 2025 को रात 8 बजकर 15 मिनट से ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ हो गया है। इस तिथि का समापन 1 जून 2025 को शाम 7 बजकर 59 मिनट पर होगा। उदया तिथि पर 1 जून 2025 को स्कंद षष्ठी का व्रत है। इस दिन भक्तजन भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करते हैं।

स्कंद षष्ठी का महत्व

स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। भगवान कार्तिकेय के कई नाम हैं, जिनमें से एक नाम ‘स्कंद’ भी है। वे भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं और देवताओं के सेनापति माने जाते हैं। जिन लोगों पर देव स्कंद की कृपा रहती है, उनके जीवन में खुशहाली, सुख-समृद्धि, धन-वैभव और सौभाग्य का वास होता है। इसके अलावा संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले भक्तजन भी इस दिन स्कंद देव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

ज्येष्ठ स्कंद षष्ठी के विशेष उपाय

गृह क्लेश दूर करने का उपाय: इस दिन रात को भगवान स्कंद की पूजा करें और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने से स्कंद देव का विशेष आशीर्वाद मिलता है और जीवन में मिठास आती है। विशेष रूप से विवाहित जोड़ों के लिए यह उपाय बहुत फलदायक होता है। यदि विवाहित जातक इस दिन गुड़ का भोग लगाते हैं, तो उनके पारिवारिक जीवन में प्रेम बढ़ता है और गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है।

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मनचाहा वर पाने का उपाय: यदि आप भगवान स्कंद को प्रसन्न करके अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो आज की पूजा के दौरान उन्हें तांबे के बर्तन में शहद अर्पित करें। यह उपाय भाग्य को मजबूत करता है और मनचाही सफलता और वर प्राप्ति में मदद करता है।

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आर्थिक संकट दूर करने का उपाय

ज्येष्ठ स्कंद षष्ठी के दिन कार्तिकेय देव को मिठाई का भोग लगाना पारंपरिक रीति है। इस दिन पूजा के बाद मिठाई को घर के सभी सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांटें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और आर्थिक परेशानियां कम होने लगती हैं।

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स्कंद षष्ठी पूजा के शुभ मुहूर्त

सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:15 बजे से रात 08:15 बजे तक

अमृत काल: शाम 07:58 बजे से रात 09:36 बजे तक

निशिता मुहूर्त: रात 11:59 बजे से अगले दिन सुबह 12:39 बजे तक

भक्तजन इन शुभ मुहूर्तों में पूजा-अर्चना कर सकते हैं ताकि उनकी पूजा सफल और फलदायक हो।

आप भी इस वर्ष 1 जून 2025 को स्कंद षष्ठी का व्रत रखकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।



 

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