कोरोना वायरस ने दुनियाभर में ही कोहराम मचा रखा है। बुजुर्गों व युवाओं से लेकर बच्चे भी इसकी चपेट आ रहे हैं। हालांकि बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में अधिक नहीं आ रहे हैं। इसी बीच वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि आखिर क्यों बच्चे व बूढ़े ही इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं बच्चे नहीं।
रिसेप्टर प्रोटीन है वजह
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस फैलाने में रिसेप्टर प्रोटीन सबसे अधिक जिम्मेदार होता है क्योंकि इसके जरिए ही वायरस फेफड़ों व कोशिकाओं में प्रवेश करता है। मगर, बच्चों में इसका स्तर कम होता है, जिसकी वजह से वो युवाओं व बुजुर्गों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं।
ऐसे हमला करता है कोरोना का वायरस
वैज्ञानिकों ने बताया कि वायरस का एक कण शरीर में जाने के बाद प्रोटीन 'स्पाइक्स' ACE2 जुड़ जाता है। इसके जरिए वो फेफड़ों की कोशिकाओं की सतह पर मौजूद प्रोटीन सेल्स को तोड़ने लगता है। इससे शरीर के अंदर धीरे-धीरे संक्रमण बढ़ता जाता है और जानलेवा रूप ले लेता है।
कोशिकाओं से अटैच होता है SARS-CoV-2
कोरोना के कण शरीर के अंदर मौजूद कोशिकाओं से जुड़ जाते हैं और धीरे-धीरे अटैक करते हैं। इसके बाद वायरस का जेनेटिक मटीरियल रिलीज करके कोशिकाओं में अपनी संख्या बढ़ाने लगता है। हालांकि इस बात पर अभी शोध किया जा रहा है कि यह वायरस वयस्कों पर कैसे अटैक करता है।
कोरोना से पीड़ित बच्चों में दिखने वाले लक्ष्ण
- अगर बच्चे को एक दम से 102 या 4 बुखार हो।
- सूखी खांसी
- सांस लेने में दिक्कत।
- त्वचा के रंग में अचानक बदलाव
- गले में खराश
- सिरदर्द की शिकायत
बच्चों को बताएं कैसे फैलता है वायरस?
लॉकडाउन खुलने के बाद अब स्कूल-कॉलेज भी शुरु किए जा सकते हैं। ऐसे नें जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों को बताए कि यह वायरस कैसे फैलता है और वो किस तरह अपना बचाव रख सकते हैं।