तनाव आजकल आम परेशानी बनता जा रहा है। पारिवारिक माहौल या फिर पढ़ाई के बढ़ते बोझ के कारण छोटे-छोटे बच्चे भी चिंता, तनाव, दवाब या अवसाद का शिकार हो रहे हैं। जिससे धीरे-धीरे उनका बचपन छिनता जा रहा है। यही वजह है कि बच्चे के व्यवहार में बदलाव आने लगता है, जिसके संकेत कई बार मां-बाप भी पहचान नहीं पाते। जानें, कौन-से हैं वे संकेत जो दर्शाते हैं कि आपका बच्चा धीरे-धीरे तनाव में धंसता जा रहा है।
बच्चे के तनाव में होने के संकेत
सोने में परेशानी होना
बच्चे के शारीरिक विकास के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। जब बच्चा तनाव में होता है को व्यस्कों की तरह उसे भी ठीक तरह से नींद नहीं आती। वह रात को आराम से सो नहीं पाता और अक्सर सोते समय उसे बुरे सपने आते हैं।
बच्चे का गुस्सैल स्वभाव
जब बच्चे को कोई मानसिक परेशानी होती है तो उसे बार-बार गुस्सा आता है। वह छोटी से छोटी बात पर भी वह बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाने लगता है। ऐसा ज्यादातर वे बच्चे करते हैं जिनके मां-बाप बच्चे को समय नहीं दे पाते और मासूम बच्चा खुद को अकेला समझना शुरू हो जाता है।
भूख की कमी
तनाव का असर बच्चे की खाने की आदतों पर भी पड़ता है। वह कुछ भी खाने में आनाकानी महसूस करता है। इसके अलावा या वह या तो ज्यादा खाने लगता है या उसे भूख का अहसास बिल्कुल भी नहीं होता।
बैठे-बैठे नाखून चबाना
कुछ बच्चों को अपने हाथों के नाखून चबाने की आदत होती है। यह भी तनाव की निशानी है। बच्चा अपने मन की भावना किसी से कह नहीं पाता लेकिन पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि उसके व्यवहार पर ध्यान देकर उसे इस मुश्किल से बाहर निकालने में मदद करे।
मूड स्विंग्स होना
तनाव के चलते मूड स्विंग की परेशानी बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे में भी होती है। वह एकदम से या तो बहुत खुश हो जाता है या फिर उसे बहुत गुस्सा आ जाता है। ऐसे में उसे डांटने की गलती न करें। इस तरह का व्यवहार देखें तो उस पर ध्यान देना शुरू करें।
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