नारी डेस्क : साल 2025 अब विदा ले रहा है, लेकिन सेहत के लिहाज से यह साल कई डरावने सबक देकर जा रहा है। एक तरफ मेडिकल साइंस और AI ने हेल्थकेयर को बेहतर बनाया, तो दूसरी तरफ कुछ ऐसी बीमारियां सामने आईं जिन्होंने उम्र का फर्क मिटा दिया। बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा और बच्चे भी अस्पतालों की कतार में नजर आए। कोविड का डर भले ही कम हुआ हो, लेकिन 2025 में इन 5 बीमारियों ने सबसे ज्यादा चिंता बढ़ाई। यह साल साबित कर गया कि बीमारी अब उम्र नहीं देखती। ऑफिस, जिम, स्कूल हर जगह लोग अचानक बीमार पड़ते दिखे। आइए Year Ender 2025 में उन बीमारियों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने पूरे साल डर का माहौल बनाए रखा।
युवाओं में ‘साइलेंट हार्ट अटैक’
2025 की सबसे चौंकाने वाली खबरें दिल की बीमारियों से जुड़ी रहीं। पहले हार्ट अटैक को 50+ उम्र की समस्या माना जाता था, लेकिन इस साल 25 से 40 साल के फिट दिखने वाले युवाओं में भी इसके मामले तेजी से बढ़े। जिम में वर्कआउट या ऑफिस में काम करते वक्त अचानक दिल का दौरा पड़ना आम होता गया।

मुख्य वजह: ज्यादा तनाव, गलत खानपान, नींद की कमी और बिना मेडिकल सलाह के हैवी वर्कआउट।
‘सुपर फ्लू’ और जिद्दी खांसी
2025 में इन्फ्लुएंजा का ऐसा रूप देखने को मिला, जिसमें बुखार तो कुछ दिनों में उतर गया, लेकिन खांसी 3–4 हफ्तों तक पीछा नहीं छोड़ती थी। डॉक्टरों ने इसे लॉन्ग लास्टिंग कफ बताया। एंटीबायोटिक्स का कम असर करना भी इस साल बड़ी चिंता बना।
डेंगू का बदलता और खतरनाक रूप
इस साल डेंगू सिर्फ मानसून तक सीमित नहीं रहा। जलवायु परिवर्तन के कारण नवंबर–दिसंबर तक डेंगू के मामले सामने आए। कई मरीजों में प्लेटलेट्स गिरने के साथ-साथ लिवर पर भी असर देखा गया। अस्पतालों में सबसे ज्यादा भीड़ डेंगू मरीजों की ही रही।

प्रदूषण से जुड़ी सांस की बीमारियां
साल के आखिरी महीनों में खराब AQI ने लोगों का दम घोंट दिया। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस सिर्फ पुराने मरीजों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि हेल्दी लोगों को भी सांस लेने में परेशानी होने लगी। बच्चों में नेब्युलाइजर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा।
फैटी लिवर, साइलेंट खतरा
2025 में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर सबसे चौंकाने वाली बीमारी बनकर उभरी। अब यह सिर्फ शराब पीने वालों की समस्या नहीं रही। हेल्थ चेकअप रिपोर्ट्स में बच्चों और युवाओं में भी फैटी लिवर के केस सामने आए।

मुख्य वजह: जंक फूड, शुगरी ड्रिंक्स, स्क्रीन टाइम और फिजिकल एक्टिविटी की कमी।
इन बीमारियों डरें नहीं, सतर्क रहें
2025 ने साफ सिखाया कि इलाज से बेहतर बचाव है। आने वाले साल में खुद को और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए
लक्षणों का इंतजार न करें, साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप जरूर कराएं।
‘डॉक्टर गूगल’ से बचें, समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
रोज 30–40 मिनट वॉक या हल्की एक्सरसाइज करें।
डाइट में फल, सब्जियां और घर का खाना बढ़ाएं।
प्रदूषण और फ्लू के समय मास्क और हाइजीन का ध्यान रखें।