
नारी डेस्क : महिलाओं में थायरॉइड (Thyroid) की समस्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर डिलीवरी के बाद। थायरॉइड असंतुलन से थकान, कमजोरी, मूड स्विंग और दूध बनाने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ब्रेस्टफीडिंग कर रही महिलाएं थायरॉइड की दवाएं सुरक्षित रूप से ले सकती हैं या नहीं। विशेषज्ञों के अनुसार, सही खुराक और डॉक्टर की निगरानी में दवा लेना सुरक्षित है।
थायरॉइड (Thyroid) का महिलाओं पर असर
थायरॉइड महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। यह गले में स्थित ग्रंथि हॉर्मोन बनाती है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करती है। प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद हार्मोनल बदलाव और लाइफस्टाइल की वजह से थायरॉइड असंतुलित हो सकता है, जिससे थकान, मूड स्विंग और दूध बनाने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

डॉक्टर की सलाह : डॉक्टरके अनुसार ब्रेस्टफीडिंग कर रही महिलाएं थायरॉइड की दवाएं सुरक्षित रूप से ले सकती हैं। यह दवाएं आमतौर पर बच्चे पर कोई हानि नहीं पहुंचाती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग कर रही महिलाओं के लिएं सावधानियां
दवाओं का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह और तय की गई खुराक के अनुसार करें।
खुराक का सही समय और नियमित थायरॉइड जांच बेहद जरूरी है।
यदि मां कोई अन्य दवाएं भी ले रही हैं, तो डॉक्टर को जानकारी देना आवश्यक है।

महिलाओं के लिएं अन्य जरूरी टिप्स
डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न बदलें।
अपनी और बच्चे की सेहत की नियमित निगरानी करें।
संतुलित आहार और पर्याप्त नींद पर ध्यान दें।
समय-समय पर थायरॉइड लेवल और हॉर्मोन की जांच करवाएं।
किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर का कहना है कि मां की सेहत सीधे बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालती है। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग के दौरान थायरॉइड की दवा लेना सुरक्षित है, बशर्ते इसे डॉक्टर की देखरेख में ही लिया जाए।