
नारी डेस्क : सर्दियों की शुरुआत होते ही बाजारों में गर्मागर्म और करारी मूंगफली आसानी से देखने को मिल जाती है। धूप में बैठकर मूंगफली खाने का मज़ा तो अलग ही होता है, लेकिन अगर इसका सेवन जरूरत से ज्यादा कर लिया जाए, तो फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मूंगफली की तासीर कैसी होती है, एक दिन में कितनी मूंगफली खानी चाहिए और इसके सेहत से जुड़े फायदे क्या हैं।
मूंगफली की तासीर कैसी होती है?
आयुर्वेद के अनुसार मूंगफली की तासीर गर्म होती है। सर्दियों में इसका सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करता है और ऊर्जा प्रदान करता है। यही वजह है कि ठंड के मौसम में मूंगफली को फायदेमंद माना जाता है। यह वात दोष को संतुलित रखती है और संक्रमण से बचाव में भी सहायक होती है।

मूंगफली में मौजूद पोषक तत्व
मूंगफली एक सस्ता लेकिन बेहद पौष्टिक सुपरफूड माना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में हेल्दी फैट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और विटामिन E व B12 पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर की ताकत बढ़ाने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सर्दियों में 1 दिन में कितनी मूंगफली खाएं?
बहुत ज्यादा मूंगफली खाने से पाचन की समस्या और वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।
सामान्य व्यक्ति के लिए: 30–50 ग्राम (1 से 2 मुट्ठी) मूंगफली पर्याप्त होती है।
मेहनत करने वालों, एथलीट्स या वर्कआउट करने वालों के लिए: 80–100 ग्राम तक ली जा सकती है।
इससे ज्यादा खाने पर शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है।

मूंगफली खाने के फायदे
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
हड्डियों और मांसपेशियों की मरम्मत में मददगार।
दिल के लिए फायदेमंद, बैड कोलेस्ट्रॉल कम करती है।
पाचन सुधारती है और सूजन कम करती है।
डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद (लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स)
वजन बढ़ाने और घटाने दोनों में सहायक (मात्रा पर निर्भर)
दिमाग और त्वचा के लिए भी लाभकारी।

मूंगफली खाने का सही तरीका
मूंगफली का सेवन सुबह या शाम के समय करना सबसे अच्छा रहता है। रात में इसे खाने से बचें। गुड़ या शहद के साथ खाने से इसके फायदे बढ़ जाते हैं। आप इसे मूंगफली के लड्डू, गुड़ पट्टी, पोहा या चूरमे में शामिल कर सकते हैं। सर्दियों में मूंगफली सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में और सही समय पर करना जरूरी है, तभी इसके पूरे फायदे मिलते हैं और नुकसान से बचाव होता है।