नारी डेस्क: सर्दियों में दस्त और उल्टी को नजरअंदाज न करें। यह सिर्फ सामान्य पेट खराबी नहीं होती, बल्कि यह नोरावायरस (Norovirus) के कारण हो सकती है, जिसे अक्सर “विंटर वोमिटिंग बग” कहा जाता है। यह वायरस बहुत तेजी से पेट और आंतों को प्रभावित करता है और गंभीर मामलों में आंतों की पूरी संरचना को नुकसान पहुंचा सकता है।
नोरावायरस क्या है?
नोरावायरस एक संक्रामक वायरस है। यह मुख्य रूप से पेट और आंतों पर हमला करता है। इसके कारण अचानक उल्टी, पानी जैसी दस्त, पेट में ऐंठन, मितली, और कभी-कभी हल्का बुखार या शरीर में दर्द हो सकता है। यह वायरस पाचन तंत्र में सूजन पैदा करता है और आंतों की सामान्य कार्यप्रणाली बिगाड़ देता है।

शरीर में नोरावायरस कैसे फैलता है?
यह वायरस छोटी आंत तक पहुंचता है और वहां की अंदरूनी परत से चिपक जाता है। तेजी से बढ़कर आंतों में सूजन और झड़न पैदा करता है। आंतें पानी और नमक को सही से अवशोषित नहीं कर पातीं, जिससे मल पानी जैसा हो जाता है। उल्टी और दस्त से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और डिहाइड्रेशन हो सकता है।
संक्रमण कैसे फैलता है?
सर्दियों में लोग ज्यादा समय घर या बंद जगहों में रहते हैं, जिससे वायरस फैलना आसान हो जाता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क, दूषित खाना या पानी, गंदे हाथों से मुंह छूने के जरिए फैल सकता है। अस्पताल, क्रूज़ शिप, नर्सिंग होम्स और भीड़भाड़ वाली जगहों पर अधिक पाया जाता है।
आंतों के बैक्टीरिया पर असर
नोरावायरस गुड बैक्टीरिया और माइक्रोबायोम का संतुलन बिगाड़ देता है। हानिकारक बैक्टीरिया जैसे ई.कोलाई की संख्या बढ़ सकती है। इससे पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ सकता है। संक्रमण ठीक होने के बाद भी कुछ समय तक पेट की कमजोरी बनी रह सकती है।

नोरावायरस के लक्षण
अचानक उल्टी और दस्त
पेट में ऐंठन और मितली
कभी-कभी हल्का बुखार या सिरदर्द
संक्रमण के 12-48 घंटे में लक्षण दिख सकते हैं
यदि डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखें जैसे मुंह का सूखना, चक्कर, पेशाब कम आना – तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
ठीक होने और बचाव के उपाय
आराम करें – अधिकांश लोग 1-3 दिन में ठीक हो जाते हैं।
ओआरएस (ORS) लें – शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी करने के लिए।
हल्का भोजन करें – चावल, केला, टोस्ट जैसे सादे खाने।
घर पर रहें – संक्रमण फैलने से बचने के लिए कम से कम 48 घंटे।
स्वच्छता बनाए रखें – हाथ 20 सेकंड साबुन से धोएं, सतहों को कीटाणुनाशक से साफ करें।
कच्चा खाना बचें – संक्रमण फैलने की संभावना कम होती है।

आंतों पर लंबे समय तक असर
कभी-कभी संक्रमण ठीक होने के बाद भी पेट में हल्की असहजता या ढीला मल रह सकता है। ऐसे में दही और फर्मेंटेड फूड, पर्याप्त पानी और धीरे-धीरे फाइबर आहार में शामिल करना मददगार होता है। लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।
विंटर वोमिटिंग बग याद दिलाता है कि कैसे एक छोटा वायरस पाचन तंत्र को अचानक प्रभावित कर सकता है। लेकिन सावधानी और स्वच्छता अपनाकर आप और आपका परिवार इस वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं।
नोट: नोरावायरस का कोई विशेष इलाज या वैक्सीन नहीं है, लेकिन सही स्वच्छता से इससे बचा जा सकता है।