नारी डेस्क: कई लोगों को सोते समय मुंह खोलकर सांस लेने की आदत होती है। यह आदत देखने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन इससे सेहत पर कई बुरे असर पड़ सकते हैं। मुंह खोलकर सोने से न सिर्फ मुंह सूखता है, बल्कि मुंह की बदबू, दांतों की कमजोरी और सांस से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
मुंह खोलकर सोने से मुंह क्यों सूखता है?
अगर आप सुबह उठते ही महसूस करते हैं कि मुंह सूखा हुआ है, तो इसकी वजह मुंह खोलकर सोना हो सकता है। दरअसल, लार (सलाइवा) हमारे मुंह की प्राकृतिक सुरक्षा होती है। यह बैक्टीरिया द्वारा बनाए गए एसिड को खत्म करती है और मुंह में बचे खाने के छोटे कणों को साफ करती है। लेकिन मुंह खुला रहने से लार जल्दी सूख जाती है और मुंह अपनी सुरक्षा खो देता है।

मुंह खोलकर सोने से होने वाली समस्याएं
मुंह से बदबू आना: मुंह सूखने पर बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया तेजी से बढ़ने लगते हैं, जिससे लगातार सांसों में दुर्गंध आने लगती है।
दांत कमजोर होना: लार कम बनने से दांतों को प्राकृतिक सुरक्षा नहीं मिलती। ऐसे में बैक्टीरिया अम्ल (एसिड) बनाते हैं, जो दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें कमजोर बना देते हैं।
सांस और गले की परेशानी: मुंह खोलकर सांस लेने से गला सूख सकता है, जलन और बार-बार खराश की समस्या हो सकती है।
लोग मुंह खोलकर क्यों सोते हैं?
अक्सर लोग मुंह खोलकर इसलिए सोते हैं क्योंकि नाक से सांस लेने में दिक्कत होती है। जैसे
नाक बंद रहना
सर्दी या एलर्जी
नाक की हड्डी टेढ़ी होना
मुंह खोलकर सोने की आदत कैसे सुधारें?
सोने से पहले भाप लें, ताकि नाक साफ रहे

हल्का सलाइन स्प्रे इस्तेमाल करें
अगर सर्दी या एलर्जी रहती है, तो उसका सही इलाज कराएं सोते समय नाक से सांस लेने की आदत डालें।
कब डॉक्टर को दिखाना जरूरी है?
अगर यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है, तेज खर्राटे आते हैं, या नींद में सांस रुकने जैसी दिक्कत होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। ऐसे मामलों में ENT डॉक्टर या डेंटिस्ट से सलाह लेना जरूरी है। कई बार यह समस्या टॉन्सिल, नाक की हड्डी या स्लीप एपनिया से भी जुड़ी हो सकती है।