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38 साल बाद प्रेमानंद महाराज के पुराने दोस्त आश्रम पहुंचे, कह दी यह बात

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 11 Mar, 2025 10:19 AM
38 साल बाद प्रेमानंद महाराज के पुराने दोस्त आश्रम पहुंचे, कह दी यह बात

नारी डेस्क: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के बचपन का एक राज़ हाल ही में खुला, जब उनके दो पुराने दोस्त 38 साल बाद उनके आश्रम पहुंचे। इन दोस्तों ने बताया कि वे संत के साथ बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ते थे। यह सुनकर प्रेमानंद महाराज भी चौंक गए और पुराने दिनों की यादें ताज़ा हो गईं। इस भावुक मुलाकात ने उनके जीवन के एक अज्ञात पहलू को उजागर किया, जिससे उनके भक्तों को एक नई जानकारी मिली।

प्रेमानंद महाराज के पुराने दोस्त पहुंचे आश्रम

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया गया है कि प्रेमानंद महाराज के आश्रम में दो लोग पहुंचे। यह दोनों लोग संत के पुराने स्कूल के दोस्त थे, जिनसे वे करीब 38 साल पहले पढ़ाई किया करते थे। जैसे ही इन दोनों ने अपना परिचय दिया, प्रेमानंद महाराज हैरान रह गए।

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38 साल पहले साथ पढ़ते थे स्कूल में

इन दोनों दोस्तों ने संत को बताया कि वे प्रेमानंद महाराज के ही गांव से आए हैं और 38 साल पहले उनके साथ स्कूल में पढ़ते थे। यह सुनकर संत का चेहरा चौंक गया और वे थोड़ा समय चुप रहे। इसके बाद, उन्होंने हंसते हुए कहा, "अब तो बहुत समय हो गया, 11-12 साल की उम्र में तो मैं वहां से चला आया था।"

स्कूल में पढ़ाई और भागने का किस्सा

संत प्रेमानंद महाराज ने यह भी बताया कि वे अपने स्कूल में कक्षा 9 तक पढ़े थे, इसके बाद उन्होंने अपना सर्टिफिकेट लिया और वहां से भाग आए थे। यह सुनकर उनके पुराने स्कूल के दोस्त ने कहा, "अब मुझे अपनी पत्नी से कोई लड़ाई नहीं होती है, क्योंकि आप हमेशा कहते हैं कि हर किसी के अंदर भगवान है।

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एक दिलचस्प मुलाकात

यह मुलाकात प्रेमानंद महाराज के आश्रम में काफी खास रही। पुराने दोस्तों से मिलने के बाद, संत के चेहरे पर जो भाव आए, वह बहुत ही भावुक और दिलचस्प थे। यह वाकया उनके जीवन के एक छोटे से हिस्से को लोगों के सामने लाया, जो शायद अब तक किसी को नहीं पता था।

यह घटना यह दर्शाती है कि संतों के जीवन में भी आम लोगों की तरह छोटे-छोटे व्यक्तिगत अनुभव होते हैं, जो समय के साथ यादों में बदल जाते हैं। प्रेमानंद महाराज के पुराने दोस्तों के साथ यह मुलाकात उनके बचपन के उन दिनों को याद करने का एक खास मौका था। इस वाकये ने उनके जीवन के एक और पहलु को उजागर किया, जो उनके भक्तों के लिए एक नई जानकारी साबित हुई।
 
 

 
 

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