आज 500 साल का इंतजार खत्म हो गया है। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी कहा है कि आज हमारे राम आ गए हैं। राम सदियों के इंतजार के बाद आए हैं। इस मौके पर मेरा कंठ रुक गया है। अब रामलला टेंट में नहीं बल्कि दिव्य मंदिर में रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की आज के इस पल की चर्चा करेंगे। ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इस साक्षात घटित होते देख रहे हैं।
राम आग नहीं बल्कि ऊर्जा हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग कहते थे कि राम मंदिर बना लो आग लग जाएगी लेकिन राम आग नहीं ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं समाधान हैं। पीएम ने कहा कि - 'कई देशों ने इतिहास की गांठ को जब खोलने की कोशिश की, परिस्थितियां और भी जटिल हो गई लेकिन भारत ने जिस परिपक्वता के साथ न सिर्फ इतिहास की इस गांठ को खोला है बल्कि सुलझाया है वह इस बात का संकेत है कि भारत का भविष्य उज्जवल है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। उन सबसे कहना चाहूंगा कि आइए महसूस कीजिए राम आग नहीं ऊर्जा हैं। राम विवाद हैं समाधान हैं, राम सिर्फ हमारे नहीं राम सबके हैं राम अनंत हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि - 'रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वसुधैव कुटुंबकम के विचार की भी प्राण-प्रतिष्ठा है। ये साक्षात मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आर्दर्शों की प्राण-प्रतिष्ठा हैं।'
राम भारत का विधान हैं
अयोध्या में मुख्य यजमान के रुप में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल हुए पीएम ने राम के चरित्र की व्याख्या भी की है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि - 'ये मंदिर सिर्फ एक देव मंदिर नहीं है, ये भारत की दृष्टि है। भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रुप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था है राम भारत का आधार हैं। राम भारत का विचार, राम भारत का विधान है, राम भारत की चेतना हैं राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह है, राम नेति भी है, राम नीति भी है। राम नित्यता भी है, राम निरंतरता भी है, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हजारों वर्षों तक होता है।'
हमारी पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के कार्यों को याद करेगी
पीएम ने इस दौरान साफ कहा कि-'आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रुप में चुना गया है। हजारों वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी, इसलिए मैं कहता हूं यही समय है, सही समय है।'
अब हमें बैठना नहीं है
पीएम मोदी ने रावण का जिक्र करते हुए कहा कि- 'लंकापति रावण महाज्ञानी थे पराक्रम के धनी थे पर आप जटायु को देखिए उन्हें पता था कि वह लंकापति रावण को हरा नहीं पाएंगे, फिर भी वह भिड़ गए हैं। यही भारत के निर्माण का आधार बनेगा। पीएम ने राम के प्रति समर्पण को राष्ट्र के प्रति समर्पण से जोड़ देने का संकल्प दिलवाया है और कहा कि प्रभु को जो भोग चढ़ेगा वह भारत के परिश्रम की पराकाष्ठा का प्रसाद भी होगा। उन्होंने कहा कि यह भारत के विकास का अमृतकाल है। आज भारत युवा शक्ति से भरा हुआ है। ऐसी परिस्थितियां न जाने कितने समय बाद बनेंगी, हमें अब बैठना नहीं है चूकना नहीं है।'