कोरोना वायरस की चौथी लहर ने देश में एक बार फिर टेंशन बढ़ा दी है। चीन और दक्षिण कोरिया में कोरोना के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। इसके चलते चीन के कई शहरों में तो लॉकडाउन भी लगा दिया गया है। वहीं, चौथी लहर को लेकर भारत भी अपनी कमर कस रही है। कुछ दिनों पहले हर उम्र व वर्ग के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने पर चर्चा की जा रही थी वहीं अब भारत ने नोवावैक्स (Novavax) को इमरजेंसी मंजूरी दे दी है।
किन लोगों को लगेगी नोवावैक्स?
नोवोवैक्स द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वैक्सीन, जिसे NVX-CoV2373 के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा Covovax ब्रांड नाम के तहत निर्मित और विपणन किया जाता है। यह पहला प्रोटीन-आधारित वैक्सीन है, जिसे 12-18 वर्ष की आयु वर्ग के किशोरों को लगाया जाएगा।
एक्सपर्ट का क्या है कहना?
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में SARS-CoV-2 के कारण होने वाले COVID-19 को रोकने के लिए सक्रिय टीकाकरण के लिए Covovax के लिए एक आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति जारी की है।
WHO ने भी दी मंजूरी
बता दें कि इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने कहा, "भारत में 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के किशोरों के लिए कोवोवैक्स की मंजूरी दी गई है। LMIC में हमारे टीकाकरण प्रयासों को मजबूत करने में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमें अपने देश के किशोरों के लिए एक अनुकूल सुरक्षा प्रोफ़ाइल के साथ प्रोटीन-आधारित COVID-19 वैक्सीन देने पर गर्व है।"
कितनी है कारगर
नोवावैक्स के मुताबिक, यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 80% तक असरदार है। टीके का ट्रायल 12 से 17 साल के 2,247 बच्चों पर किया गया था, जिसका रिजल्ट काफी बेहतरीन मिला।