धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ या जेठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को नारद जयंती का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि यह दिन पूर्णिमा के अगले दिन पड़ता है। ऐसे में इस बार 27 मई, गुरुवार को नारद जयंती मनाई जाएगी। धार्मिक कथाओं के अनुसार नारद मुनी ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं। साथ ही वे श्रीहरि के अनन्य भक्त माने जाते हैं। साथ ही वे देवताओं के संदेशवाहक भी माने जाते हैं। वे तीनों लोकों में सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करते थे। वहीं कई जगहों पर नारद जी को सबसे पहला पत्रकार भी माना गया है। ऋषि नारद मुनि प्रकाण्ड विद्वान होने के साथ हर समय नारायण-नारायण (भगवान विष्णु का एक नाम) का जाप करते रहते थे। बात नारद जी के स्वरूप की करें तो वे एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में वाद्य यंत्र पकड़ते थे। तो चलिए जानते हैं नारद जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व...
नारद जयंती का शुभ मुहूर्त
26 मई 2021, आरंभ, दिन बुधवार, शाम 04:43 pm से
7 मई 2021, समापन दिन गुरुवार, दोपहर 01:02 pm
इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र और सिद्ध और साध्य योग भी बन रहे हैं।
सिद्ध- 26 मई 2021, रात 10:51 pm से 27 मई 2021, सुबह 06.47 तक
साध्य- 27 मई 2021, शाम 6:50 pm से 28 मई 2021, 02:50 pm तक
पूजा विधि
. सुबह उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें।
. पूजा स्थल की सफाई करके व्रत का संकल्प लें।
. फिर ऋषि नारद का स्मऱण करते हुए पूजा करें।
. नारद मुनि को चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, पुष्प, धूप आदि अर्पित करें।
. इसके साथ ही इस शुभ दिन पर गरीबों, जरूरतमंदों को आवश्यकता अनुसार दान करें।
नारद जयंती का महत्व
मान्यता है कि नारद जयंती के दिन सच्चे मन से उनकी पूजा व व्रत करने से बल, बुद्धि और सात्विक शक्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की समस्याएं दूर होकर मनचाहा फल मिलता है।