![मजा न बन जाए सजा, प्रेग्नेंसी में सफर करने से पहले जान लें ये जरुरी बातें](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2024_5image_12_41_215285557t-ll.jpg)
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। वैसे तो इस दौरान घूमने- फिरने में मनाही नहीं है पर यदि आपका बार-बार गर्भपात हो जाता है या गर्भ नहीं टिकता है और इस वजह से डाक्टर ने आप बैडरैस्ट करने की सलाह दी है तो किसी भी स्थिति में ट्रैवल न करें अन्यथा पुन: गर्भपात की स्थिति बन सकती है। यदि ट्रैवल करना बहुत जरूरी है तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/12_41_413099289t2.jpg)
सडक़ मार्ग की बजाय रेलमार्ग को चुनो
सडक़ों पर स्पीड ब्रेकर, गड्ढे आदि होने के कारण काफी झटके लगते हैं। कई बार वाहन दो-चार फुट तक उछल जाता है। यह स्थिति जोखिम पूर्ण हो सकती है। यदि आप निजी वाहन से यात्रा करती हैं तो वाहन की गति अत्यंत धीमी रखें तथा स्पीड ब्रेकर और गड्ढों का ध्यान रखें, खासतौर पर रात के समय। यदि वाहन कोई अन्य व्यक्ति या ड्राइवर चला रहा हो तो भी उसे उक्त हिदायत दें।
भीड़ से बचें
रेलयात्रा में धक्के नहीं लगते है इसलिए वह अपेक्षाकृत निरापद मानी गई हैं लेकिन सफर चाहे रेल का हो या बस का गर्भवती को भीड़भाड़ से बचना चाहिए। खासतौर पर चढ़ते-उतरते समय ध्यान रखें क्योंकि अत्यधिक भीड़ होने पर आपका पेट दब सकता है या आप जमीन पर गिर सकती है जिससे गर्भस्थ को क्षति पहुंच सकती है। इसलिए गर्भवती महिला को चाहिए कि वे आरक्षण कराकर ही रेलों में यात्रा करें टिकट खिडक़ी पर या प्लेटफार्म पर धक्का मुक्की न करें।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/12_41_566693639t-7.jpg)
ज्यादा लंबा सफर ना करें
गर्भवती को अधिक दूरी या लम्बे समय की यात्रा एक साथ नहीं करना चाहिए। अपितु बीच में ठहराव देना चाहिए। यानी टुकड़े-टुकड़े में यात्रा करनी चाहिए। यदि आप हवाई यात्रा करना चाहती हैं तो भी सवाधानी बरतें। यदि आपकी प्रैगनैंसी 32 सप्ताह से अधिक की है तो हवाई यात्रा न करने में ही भलाई है क्योंकि हवा के दबाव में बदलाव होने से परेशानी हो सकती है। यदि हवाई यात्रा करना जरूरी ही हो तो सारे नियमों का पालन करें जो गर्भवती महिलाओं के लिए बनाए गए हैं।
ट्रेवलिंग के लिए ये समय है सही
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय दूसरी तिमाही के दौरान होता है, जब जटिलताओं का सबसे कम जोखिम होता है। । तीसरी तिमाही में यात्रा करने पर आप बहुत ज्यादा थकावत या असहज महसूस कर सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि ट्रेवलिंग के लिए 14 से 18 हफ्तों के बीच का समय चुनें। क्योंकि उस समय ना तो गर्भपात की संभावना होती है और ना ही अन्य परेशानियां होती हैं। इन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें आमतौर पर कम होती हैं।
![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/12_41_568568451t-700.jpg)
ट्रेवल के दौरान ये चीजें रखें साथ
-यात्रा के दौरान दस्त के मामले में ओरल हाइड्रेशन की तैयारी रखें।
- गर्भवती महिलाएं मल्टीविटामिन अपने साथ जरूर रखें।
-अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स अपने साथ रखें।
- अपने साथ खाने की चीजें और पानी जरूर रखें।