पुलिस, आर्मी, नेवी ऑफिसर के लिए देश की सेवा ही उनका परम कर्तव्य होती है। इस बात की मिसाल है तमिलनाडु की महिला इंस्पेक्टर एन. महेश्वरी, जिन्होंने पिता की मौत के बाद भी अपने फर्ज को अहमियत दी। दरअसल, एन. महेश्वरी ने 14 अगस्त के दिन अपने पिता को खोया और फिर 15 अगस्त के दिन परेड को लीड कर अपनी ड्यूटी निभाई।
14 अगस्त की रात मिली पिता के निधन की खबर
तमिलनाडु, तिरुनलेवेली में तैनात महिला पुलिस इंस्पेक्टर माहेश्वरी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर परेड का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। उस वक्त कोई नहीं जानता था कि वह मास्क के पीछे अपना दर्द छिपा रही हैं। उन्हें ठीक एक दिन पहले पिता की मौत की खबर मिली थी लेकिन पिता की बातों व संस्कारों को याद कर उन्होंने देश के प्रति अपना फर्ज निभाने का फैसला किया और सेना को लीड किया।
मास्क के पीछे छिपाया दर्द
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पलामकोट्टई वीओसी मैदान परेड करवाई जा रही थी। उन्होंने पिता के निधन के बारे में अपने सीनियर्स को नहीं बताया। डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर सतीश ने उनसे गार्ड ऑफ ऑनर भी लिया। परेड खत्म होने के बाद वह उन्हें बताकर तुरंत संस्कार के लिए रवाना हो गई। उस दौरान उन्हें देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह उनकी जिंदगी का सबसे दुखी पल है।
बीमारी के चलते हुआ निधन
महेश्वरी के पिता नारायण स्वामी लंबे समय से एक बीमारी से जूझ रहे थे, जिसके चलते 83 साल की उम्र में वह दुनिया को अलविदा कह गए। पिता के निधन से महेश्वरी टूट गई थी। उनका परिवार थिरुनेवेली से 200km दूर डिंडिगुल जिले में रहता है और वहीं उनका संस्कार किया जाना था।
तमिलनाडु के डिप्टी सीएम पन्नीरसेल्वम सहित सोशल मीडिया पर हर कोई उनके जज्बे व हिम्मत को सलाम कर रहा है।