टाइप-2 डायबिटीज आज एक गंभीर रुप धारण करती जा रही है। जहां 40 के ऊपर व्यक्ति इसका शिकार हो रहे हैं, वहीं नौजवान भी बहुत तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य 4 से 5 कारण हैं। जैसे कि अधिक वजन, उम्र, Pcos, पारिवारिक इतिहास और स्ट्रेस।
क्या है टाइप-2 डायबिटीज?
टाइप-2 डायबिटीज में व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है, जिस वजह से उसके द्वारा खाया हुआ भोजन अच्छे से पच नहीं पाता। अगर समय रहते इस बीमारी पर पकड़ न पाई जाए तो अल्जाइमर यानि भूलने की बीमारी, त्वचा संबंधित रोग और गुर्दे तक फेल होने की नौबत आ सकती है।
डायबिटीज एक ऐसी हेल्थ प्रॉबल्म है जिससे जुड़े हर किसी के पास अपने मिथ हैं। आइए जानते हैं कितने सच हैं ये मिथ?
मोटापा
कुछ लोगों का मानना है कि मोटापे के शिकार लोग अन्य लोगों के मुकाबले डायबिटीज का शिकार होते हैं। मगर ये बात पूरी तरह से सच नहीं है। टाइप-2 डायबिटीज ज्यादातर पारिवारिक इतिहास और स्ट्रेस की वजह से ज्यादा होती है।
हार्ट स्ट्रोक
ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें बिना डायबिटीज के दिल का दौरा पड़ता है। अमेरिका में हुए एक शोध के मुताबिक बात सामने आई है कि टाइप-2 डायबिटीज के पेशेंट बहुत कम दिल के दौरे का शिकार होते हैं।
मीठे का सेवन
कुछ लोग डायबिटीज होने पर कुछ खास मीठे फल भी खाना छोड़ देते हैं। मगर जरुरत है तो तले हुए मीठे को छोड़ने की, आप सीमित मात्रा में रहकर एक हद तक मीठे फलों का सेवन कर सकते हैं।
तो ये थे टाइप-2 डायबिटीज से जुड़े कुछ खास मिथ।
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