भारतीय महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना आज अपना 25वां जन्मदिन मना रही हैं। स्मृति मंधाना ने अपने करियर में कई कमाल किए हैं। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर लोग तो उन्हें नेशनल क्रश भी कहते हैं। क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने वाली स्मृति के आगे उनकी मां को भी झुकना पड़ा था। उनकी मां चाहती थी कि स्मृति टेन्स में अपना करियर बनाए लेकिन स्मृति की जिद्द और क्रिकेट के प्रति उनके प्यार के आगे मां को झुकना पड़ा।
9 साल की उम्र में शुरू किया खेलना
स्मृति का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ था। स्मृति के भाई और पिता जिला स्तर के क्रिकेटर रह चुके हैं। घर पर क्रिकेट का माहौल होने के कारण बचपन से उन्हें इस खेल में रूचि थी। जिसके बाद उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में कदम रखा। स्मृति ने 9 साल की उम्र में मंधाना महाराष्ट्र अंडर 15 टीम में खेलना शुरू किया था। जिसके बाद उनका सिलेक्शन महाराष्ट्र अंडर 19 टीम में हो गया। स्मृति ने 10 अप्रैल 2013 को वनडे इंटरनेशनल में कदम रखा और पहला मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला था।
स्मृति का क्रिकेटर बनना मां को नहीं था पसंद
जितना स्मृति इस खेल से प्यार करती हैं वहीं उनकी मां चाहतीं थीं कि वह क्रिकेट नहीं बल्कि टेनिस में अपना करियर बनाए। हालांकि स्मृति के क्रिकेट के आगे उनकी मां को झुकना पड़ा। आज वह एक सफल क्रिकेटर है जिनसे लाखों लड़कियां प्रेरणा लेती हैं।
राहुल द्रविड़ के बल्ले से लगाया दोहरा शतक
स्मृति मंधाना ने जिस बल्ले से दोहरा शतक लगाया था वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का बल्ला था। इसका खुलासा खुद मंधाना ने किया था। मंधाना ने बताया था कि उनके भाई श्रवण ने राहुल द्रविड़ से उनका ऑटोग्राफ किया हुआ बल्ला मांगा था। स्मृति कहती हैं कि वह इस बैट को संभालकर रखना चाहती थी लेकिन जब उन्होंने बल्ले को हाथ में उठाया तो उसके वजन और संतुलन उन्हें बेहद कमाल का लगा। जिसके बाद उन्होंने इससे खेलना शुरू किया।
स्मृति अब तक अपने करियर में 59 वनडे खेल चुकी हैं। उन्होंने 4 शतक, 18 अर्धशतक लगाते हुए 41.72 की औसत से कुल 2253 रन बनाए हैं। इसके अलावा स्मृति 3 टेस्ट और 81 टी20 इंटरनेशनल मैच का हिस्सा भी रह चुकी हैं।