डायरेक्टर महेश भट्ट लंबे समय से बॉलीवुड में एक्टिव हैं। अपने काम से ज्यादा वो विवादों के लिए फेमस रहे। कभी खुद की बेटी संग लिपलॉक कर तो कभी विवादिता बयान देकर। विवादों से उनका नाता ना सिर्फ अब का है बल्कि सालों से चला आ रहा तो चलिए देर किस बात आपको भी रूबरू करवाते है उनकी जिदंगी के कुछ अनसुने किस्सों से...
महेश भट्ट के गुजराती ब्राह्मण पिता का नाम नानाभाई भट्ट है जबकि उनकी मां का नाम शिरीन मोहम्मद अली। सूत्रों के मुताबिक, महेश भट्ट के माता-पिता ने कभी शादी नहीं की जिसका असर महेश भट्ट की जिंदगी पर भी पड़ा शायद यहीं वजह कि महेश ने कभी शादी को अपनी जिंदगी में खास अहमियत नहीं दी।
खुद को नाजायज मानते थे महेश भट्ट
महेश भट्ट को जब पता चला कि उनके पिता ने उन्हें महेश नाम शिव भगवान से प्रेरित होकर दिया हैं तो उन्हीं शिव भगवान को नापसंद करने लगे। सूत्रों के मुताबिक, महेश का मानना था कि शिव भगवान ने अपने बेटे गणेश की गर्दन काट दी थी, जिस वजह से वो शिव भगवान को भी नापसंद करने लगे थे नाम जरूर पिता ने दिया लेकिन उन्होंने कभी महेश की मां से शादी नहीं की। यहीं वजह है कि वो अपनी ज्यादातर फिल्मों में नाजायज संतानों की कहानी लाते हैं। 'हमारी अधूरी कहानी’ भी महेश भट्ट के माता-पिता के संबंधों पर आधिरत फिल्म थीं।
महेश के पिता ने हेमलता भट्ट से शादी की जिनसे रॉबिन भट्ट, परमेश भट्ट, हिना सूरी बच्चे पैदा हुए। हिना सूरी के परिवार से मोहित सूरी हैं जबकि शिरीन मोहम्मद अली की बहन मेहरबानो मोहम्मद अली के खानदान से इमरान हाशमी हैं। तो इस तरह भट्ट फैमिली की इन 2 खानदानों से रिश्तेदारी रहीं।
पहली बीवी को तलाक दिए बिना की दूसरी शादी
महेश ने भी अपनी पहली बीवी के साथ वहीं किया जो उनके पिता ने उनकी मां के साथ किया था। कॉलेज के दिनों में ही महेश भट्ट को लोरिएन ब्राइट नाम की लड़की से प्यार हुआ था। शादी के बाद लोरिएन का नाम बदलकर किरन भट्ट रख दिया गया। किरन से उन्हें दो बच्चे पूजा भट्ट और राहुल भट्ट हुए। इसी बीच महेश भट्ट का अफेयर परबीन बॉबी से हुआ जिसका असर उनकी शादीशुदा जिदंगी पर देखने को मिला। पूजा-राहुल को भी महेश की तरह बचपन में अपने पिता का प्यार नहीं मिला। समय के साथ महेश-परवीन के रिश्ते भी बिगड़ते चले गए। इसके बाद महेश भट्ट का अफेयर सोनी राजदान के साथ हुआ। उस वक्त महेश अपनी बीवी के साथ ही रहा करते थे। महेश ने किरन को बिना तलाक दिए सोनी से शादी कर लीं।
जब महेश भट्ट ने सोनी के लिए किरण को छोड़ा तब राहुल 3 साल तो पूजा 10 साल की थी। इसलिए महेश भट्ट को इतना ही मालूम नहीं कि पिता क्या होता हैं। बच्चों के साथ पिता का कैसा व्यवहार होता है। इसी वजह से एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मैं हरामी हूं।'
बेटी के साथ लिपलॉक फोटोशूट को लेकर विवादों में घिरे महेश
मगर विवादों में वो उस वक्त आए जब उन्होंने एक मैगजीन फोटोशूट में बेटी पूजा भट्ट के साथ लिपलॉक किया जिसे देखकर लोगों की उनके प्रति सोच भी बदली कि एक पिता अपनी बेटी के साथ ऐसा फोटोशूट करवा कर भला क्या साबित करना चाहता हैं। इसके बाद बवाल तब हुआ जब महेश ने इतना कहा कि अगर पूजा उनकी बेटी ना होती तो वो उन्हीं से शादी कर लेते। महेश की यह बात भी काफी सोचने वाली थी जिसपर लोगों ने काफी हंगामा भी किया था।
कंगना रनौत के साथ तो मानों उनका छतीस का आंकड़ा रहा। एक बार तो महेश ने उनपर चप्पल मार कर फेंकी थी और कंगना को उन्हीं की फिल्म देखने नहीं थी। तब से लेकर अब तक दोनों के बीच कॉल्ड वार चल रही हैं।
वहीं विनोद खन्ना से भी उनका एक किस्सा जुड़ा है। महेश भट्ट ने विनोद की जिंदगी का एक ऐसा फैसला लिया था जिसका पछचावा शायद विनोद को भी पूरी उम्र रहा होगा। दरअसल महेश विनोद खन्ना के दोस्त हुआ करते थे और उन्होंने ही विनोद को आध्यात्म की ओर जाने की सलाह दी थी वो भी उस वक्त जब विनोद खन्ना स्टारडम के चरम पर थे। उस वक्त विनोद खन्ना सुपरस्टार अमिताभ को कड़ी टक्कर दे रहे थे लेकिन मां के दिहांत से पूरी तरह टूट चुके थे। ऐसे में महेश उन्हें ओशो रजनीश के पुणे आश्रम में ले गए, महेश वापिस इंडस्ट्री लौट आए लेकिन विनोद को ओशो अमेरिका ले गए। अब महेश ने विनोद को संन्यासी बनने की प्रेरणा क्यों दी वहीं जानते हैं लेकिन एक बात है कि जब 5 साल बाद विनोद वापिस इंडस्ट्री लौटे तो सब खत्म हो चुका था। जिसके बाद उनका ब्लक कैंसर से निधन हो गया।
तो ऐसी थी महेश भट्ट की पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ, जिसमें कंट्रोवर्सी का गहरा कनेक्शन रहा।