काेई पिता नहीं चाहता कि एक गलत आदत के चलते उनके बच्चे उनसे नफरत करने लगे। तभी तो अपने बच्चों के लिए पिता कुछ भी छोड़ने के लिए तैयार रहते हैं। दिग्गज फिल्म निर्देशक महेश भट्ट भी है उन पिता में एक हैं जिन्होंने अपनी संतान के लिए एक बुरी आदत को हमेशा- हमेशा के लिए त्याग दिया। जो महेश भट्ट कभी शराब के बीना नहीं रह पाते हैं अब उसे वह हाथ भी नहीं लगाते, यह सिर्फ उन्होंने अपनी बेटी के लिए किया।
यह तो हम सभी जानते हैं कि महेश ने अपनी जिंदगी की कुछ अहम घटनाओं को फिल्मी कहानी के रूप में पर्दे पर उतारा है। साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म डैडी को उन्होंने बेहतरीन कहानी के साथ इमोशन को भी पर्दे पर दिखाया था। इस फिल्म में एक शराबी पिता की कहानी दिखायी गयी थी, जो अपनी बच्ची को छोड़कर चला जाता है। फिर जब उसकी बेटी जवान होती है तो वह अपने पिता को शराब की लत से बचाना चाहती है।
इस फिल्म से महेश भट्ट की बेटी पूजा भट्ट ने बतौर अदाकारा अपने करियर की शुरूआत की थी। सालों बाद डायरेक्टर ने बताया कि 'डैडी' का ख्याल उन्हें उनके निजी अनुभव से आया था। उन्हाेंने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें शराब पीने की लत थी, जब सोनी राजदान गर्भवती थीं तो वह उन्हें शराब छोड़ने के लिए कहती थी हालांकि, महेश शराब से दूर रहने के लिए तैयार नहीं थे। महेश बताते हैं कि जब उनकी बड़ी बेटी शाहीन का जन्म हुआ तब भी वह नशे में ही थे।
डायरेक्टर ने बताया कि- उन्होंने बेटी को चूमने के लिए उसे बांहों में उन्हें उठाया तो नन्ही शाहीन ने अपना मुंह फेर लिया। उस वक्त उन्हें लगा कि शराब की बदबू के चलते उनकी बेटी ने उनसे मुंह फेर लिया उसके बाद से उन्होंने इसे छोड़ने का फैसला लिया। महेश कहते हैं कि लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि वे कभी शराब छोड़ सकते हैं, वह भी बिना किसी डॉक्टर या दवाई के,लेकिन ऐसा हुआ। उन्होंने शराब पीना छोड़ दिया और इसके बाद से ही उनको 'डैडी' फिल्म की कहानी का ख्याल आया।
कुछ सालों पहले पूजा भट्ट ने भी बताया था कि- जब वह34 साल की थी तो उन्हें शराब की लत लग गई थी और 46 साल की उम्र में आकर ये छूटी थी। वह कहती हैं कि- शराब से सिर्फ परिवार बिखरे ही हैं। लोग अपने दुख से भागना चाहते हैं और शराब पीने लगते हैं लेकिन इससे सिर्फ नुकसान ही होता है।' फिल्म ‘डैडी’ को लेकर उन्होंने कहा था कि-, 'अगर कोई महिला इस तरह से अपने बच्चे को छोड़कर चली जाए तो समाज के लोग उसे डायन के नाम से बुलाएंगे। क्योंकि, हमारे समाज ने ये तय किया है कि मां मर जाएगी लेकिन बच्चों को नहीं छोड़ेगी। मगर क्या समाज ऐसी महिला को मौका देगा अगर उसे शराब की लत लग जाए और अपने बच्चे को छोड़कर चली जाए।'