जहां एक तरफ देश कोरोना महामारी की मार झेल रहा है वहीं बर्ड फ्लू के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक इंंसानों में बर्ड फ्लू फैलने की शुरूआत नहीं हुई है। मगर, जिस तेजी से बर्ड फ्लू फैल रहा है, उससे वैज्ञानिकों को डर है कि कहीं कोरोना की तरह यह भी महामारी न बन जाए।
कई शहरों में बर्ड फ्लू का हाई अलर्ट
इसलिए पंजाब, केरल, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि शहरों में फैल चुके इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए अंडे-चिकन की ब्रिकी पर रोक लगा दी गई है। केरल में तो बर्ड फ्लू को आपदा घोषित कर दिया गया है।
पक्षियों के लिए ज्यादा खतरनाक
एवियन इंफ्लूएंजा यानि बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है, जो पक्षियों से पक्षियों में फैलता है। वहीं अगर पक्षियों से यह वायरस इंसामों में आ जाए तो जानलेवा भी साबित हो सकती है। हालांकि बर्ड फ्लू पक्षियों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है।
कोरोना वायरस की तरह बर्ड फ्लू भी बदलता है स्ट्रेन
रिपोर्टके मुताबिक, कोरोना की तरह बर्ड फ्लू के भी महामारी बनने के आसार जताए जा रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना था कि रिसर्च में इस वायरस के महामारी का रुप लेने की संभावाना आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना की तरह बर्ड फ्लू का स्ट्रेन भी बदलता रहता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस तेजी से अपना रूप बदलते हैं यानि रेप्लीकेट होते रहते हैं, जिससे ये तेज और संक्रामक हो सकता है। ऐसा ही कोरोना के नए स्ट्रेन के साथ भी हो रहा है।
बर्ड फ्लू का कौन सा स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक?
बर्ड फ्लू के लगभग 15-16 स्ट्रेन हैं, जिसमें H5N1, H9N2, H7N3, H7N7, H5N8 और H7N9 शामिल हैं। मगर, पक्षियों में बर्ड फ्लू के H7N9, H7N7 और H9N2 स्ट्रेन ही देखा गया है जबकि इंसानों में H5N1 स्ट्रेन के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं जोकि काफी खतरनाक भी है। दिल्ली में बर्ड फ्लू के H5N8 स्ट्रेन की पुष्टि की गई है।
भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला कब सामने आया था?
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2006 में बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया था, जब महाराष्ट्र राज्य की मुर्गियां इससे संक्रमित हो गई थी। यह पहला मौका था, जब यह बीमारी अनेक देशों में फैल चुकी थी। तब से अब तक बर्ड फ्लू के मामले लगभग हर राज्य में सामने आ चुके हैं।
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू खासकर जंगली जलीय पक्षी जैसे बत्तख और गीस के थूक और छींक के जरिए फैलता है, जिनमें H5N1 वायरस होता है। वहीं, उड़ान भरते समय भी पक्षी अपना वेस्ट प्रोडक्ट यानी गंदगी फैला देते हैं, जो वायरस को फैलाने का काम करता है। कभी-कभी यह वायरस सूअरों, घोड़ों, बिल्लियों और कुत्तों जैसे स्तनधारियों में भी फैल जाता है।
महामारी के बीच क्यों खतरनाक बर्ड फ्लू
दरअसल, कोरोना वायरस और बर्ड फ्लू के लक्षण काफी हद तक मिलते जुलते हैं जैसे सांस लेने में तकलीफ, बुखार के साथ कफ, थकान, गंध और स्वाद ना आना, सर्दी-खांसी, जोड़ों में दर्द आदि। ऐसे में दोनों के बीच पहचान करना मुश्किल हो सकता है।
किडनी पर असर डालता है बर्ड फ्लू
आमतौर पर बर्ड फ्लू पक्षियों की आंत पर प्रभाव डालता है जबकि एवियन इन्फ्लूएंजा इंसानों की किडनी, फेफड़ों पर असर डालता है, जिससे सांस संबंधी समस्याएं, निमोनिया, खांसी-कफ, सिरदर्द, पेट में दर्द या उल्टी, बुखार, शरीर की अकड़न, दर्द-थकान, आंखों में जलन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
ध्यान रखें कि बीमारी के लक्षण दिखते ही 48 घंटे के अंदर की जांच करवा लें, नहीं तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। याद रखें सावधानी ही बीमारी से बचाव का पहला और सुरक्षित कदम है।