बॉलीवुड जगत में एक से बढ़कर एक हीरोइनें आई और गई लेकिन श्रीदेवी जैसा स्टारडम ना किसी के पास था ना किसी को मिला। बॉलीवुड की चांदनी कही जाने वाली श्रीदेवी सिनेमा जगत की एक मात्र फीमेल सुपरस्टार रही हैं लेकिन एक्ट्रेस की अचानक मौत ने इंडस्ट्री क्या पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। उनकी मौत की खबर पर किसी को एक बार में यकीन हीं नहीं हुआ था। श्रीदेवी के इस तरह चले जाने पर हर किसी ने अपना रिएक्शन और तर्क दिया। वहीं अपनी बेबाक राय रखने वाले राम गोपाल वर्मा ने तो यह तक कह दिया कि वह इंडस्ट्री की सबसे नाखुश महिला थी। दरअसल उन्होंने एक्ट्रेस के निधन पर एक खुला खत लिखा था जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान रह गया था...
निधन पर किया खुलासा
उन्होंने लिखा था कि वह सबसे खूबसूरत महिला थीं और देश की सबसे बड़ी सुपर स्टार भी जिसने 20 साल से ज्यादा लीड हीरोइन के रूप में पर्दे पर राज किया लेकिन लोग जो सोचते हैं एक हस्ती की पर्सनल लाइफ उससे बिलकुल अलग होती है। बहुत से लोगों को लगता था श्रीदेवी का जीवन संपूर्ण है। खूबसूरत चेहरा, दो बेटियां और सुखी परिवार लेकिन क्या असल में श्रीदेवी खुश थीं?
श्रीदेवी की जिंदगी के बारे में बताते हुए राम गोपाल वर्मा ने कहा कि पिता की मौत से पहले वह आसमान में उड़ते परिंदे की तरह थी लेकिन फिर मां के जरूरत से ज्यादा सचेत रहने के चलते वह पिंजरे में बंद पंछी की तरह हो गई थीं। महज 4 साल की उम्र में ही वह बाल कलाकार के रूप में काम करने लगी।
उसके बाद उन्होंने टैक्स को लेकर बात की और कहा कि टैक्स से बचने के लिए श्रीदेवी के पिता ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भरोसा कर पैसा सौंपा था, मगर उनके निधन के बाद सभी ने श्रीदेवी को धोखा दे दिया और नासमझ मां ने कानूनी पचड़ों में फंसी संपत्तियों में निवेश किया। इन गलतियों के चलते श्रीदेवी कंगाल हो चुकी थी जब तक बोनी कपूर उनकी जिंदगी में आए। श्रीदेवी के सहारा बोनी कपूर बने। हालांकि उस समय उन पर कई तरह के आरोप लगे। उन्हें घर तोड़ने वाली औरत के तौर पर पेश किया गया।
बोनी कपूर की मां ने किए श्रीदेवी पर अत्यचार
बोनी कपूर की मां ने मोना (बोनी की पहली पत्नी) का घर तोड़ने का जिम्मेदार मानते हुए श्रीदेवी को एक फाइव स्टार होटल की लॉबी में पेट पर घूंसा मार दिया था। इस पूरे दौर में वह बेहद नाखुश थीं और ये उतार-चढ़ाव उनके मन पर गहरे जख्म के निशान छोड़ गए। उन्हें कभी शांति नसीब नहीं हुई।
उनकी मां की अमेरिका में ब्रेन की सर्जरी गलत हुई जिसके चलते वह मनोरोगी बन गई थी। इसी बीच श्रीदेवी की छोटी बहन श्रीलता ने अपने पड़ोसी के बेटे से शादी की। मां ने मरने से पहले सारी जायदाद श्रीदेवी के नाम कर दी थीं लेकिन श्रीदेवी की अपनी बहन ने यह कहते हुए श्रीदेवी पर केस कर दिया कि वसीयत पर साइन करते समय उनकी मां की मानसिक अवस्था सही नहीं थी। जिस महिला के पूरी दुनिया में लाखों दीवाने थे वह असल जिंदगी में एकदम अकेली और लगभग कंगाल हो चुकी थी।
बाल कलाकार के रुप में की करियर की शुरुआत
एक बाल कलाकार के रूप में करियर शुरू होने के बाद ज़िंदगी ने उन्हें कभी भी सामान्य रफ़्तार से बड़ा होने का समय नहीं दिया। बहुत से लोग उन्हें सबसे खूबसूरत महिला मानते थे लेकिन वह खुद को खूबसूरत नहीं मानती थी इसलिए वह कई सालों तक बीच बीच में कॉस्मेटिक सर्जरी करवाती रही थीं जिसका असर भी साफ देखा जाता था। श्रीदेवी ने एक अलग ही मनोवैज्ञानिक दीवार अपने आस-पास बनाई हुई थी। वह नहीं चाहती थीं कि कोई देखे कि इसके अंदर क्या चल रहा है! वह नहीं चाहती थीं कि कोई उनकी असुरक्षाओं के बारे में जाने। कैमरे के आगे उन्हें मेकअप लगाना ही पड़ता था ताकि उनका असली अक्स कैमरे के सामने ना आए।
कई रिपोर्ट्स में भी यह बात कही गई कि श्रीदेवी की सर्जरियों के चलते ही उनकी मौत हुई। कहा गया कि उनकी उनकी मौत की असल वजह कार्डियक अरेस्ट नहीं बल्कि प्लास्टिक सर्जरी थी। श्रीदेवी जो करीब 29 बार प्लास्टिक सर्जरी करवा चुकी थी। कहा जा रहा है कि उनकी आखिरी सर्जरी में कुछ गड़बड़ी होने की वजह से उन्हें कई दवाइयां भी लेनी पड़ रही थीं। वहीं कैलिफार्निया के डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने कई डायट पिल्स और एंटी एजिंग दवाइयां भी लेनी शुरू कर दी थीं।
मौत बनी रहस्यमयी पर्दा
श्रीदेवी की मौत का रहस्यमयी पर्दा आज भी वहीं बना हुआ है। बचपन में माता-पिता व रिश्तेदारों, पति और बेटियों के कहने पर चलने वाली श्रीदेवी महिला के शरीर में कैद एक बच्चे की तरह थी। वो महिला जिसने बचपन से लेकर आखिर तक काम किया लेकिन फिर भी वह अपने लिए खुशी नहीं खरीद पाई या यूं कहे कि जिम्मेदारियों के बीच उन्हें अपने लिए समय ही नहीं मिला।