कोरोना महामारी और गिरती अर्थव्यवस्था की मार झेल रहा देश इस समय एक और संकट का सामना कर रहा है। देशभर में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन कम हो गया है और आने वाले दिनों में बारी-बारी से बिजली कटौती हो सकती है। कई राज्यों में दोपहर दो बजे से शाम 6 बजे के बीच बिजली सप्लाई में दिक्कत आ रही है, ऐसे में लोगों को बिजली का संभालकर इस्तेमाल करने की सलाह दे जा रही है। अब ऐसे में हम आपको बताते हैं कि किन कारणों से यह संकट पैदा हुआ है।
क्यों आया ये संकट
- कोयल की कमी के कारण कुछ ताप विद्युत इकाइयां बंद है
- 20 दिन के मुकाबले सिर्फ एक-दो दिन के लिए ही कोयला भंडार है।
- कोयला खदानों में पानी भरना कोयला उत्पादन कम होने की मुख्य वजह।
- बीते दो महीनों में ही बिजली की ख़पत 2019 के मुकाबल में 17 प्रतिशत बढ़ गई है।
- दुनियाभर में कोयले के दाम 40 फ़ीसदी तक बढ़े हैं जबकि भारत का कोयला आयात दो साल में सबसे निचले स्तर पर है।
- बिजली से ही हर चीज़ चलती है, ऐसे में पूरा उत्पादन सेक्टर- सीमेंट, स्टील, कंस्ट्रक्शन, सब कोयले की कमी से प्रभावित होते हैं।
- त्योहार के कारण आने वाले दिनों में यह संकट और और भी ज्यादा बढ़ सकता है।
टाटा पावर ने ग्राहकों को भेजे SMS
इस संकट के बीच टाटा पावर की इकाई ने अपने ग्राहकों को भेजे एसएमएस में कहा कि- ‘उत्तर भर में उत्पादन संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता के कारण, दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है। कृपया विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करें। एक जिम्मेदार नागरिक बनें। असुविधा के लिए खेद है - टाटा पावर-डीडीएल।
दुनियाभर का यही हाल
ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मौसम में हुए परिवर्तन से गर्मी एवं उमस बढ़ी है। ऐसे में बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। आज की स्थिति में प्रतिदिन औसत मांग 12,500 मेगावाट की है, जबकि औसत उपलब्धता 8,500 मेगावाट ही है। ये हालात सिर्फ़ भारत में ही नहीं दुनियाभर में बने हुए हैं।