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‘स्कैम’के तीसरे पार्ट में दुनिया जानेगी 24 हजार करोड़ का घोटाला करने वाले सुब्रत रॉय की पूरी कहानी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 May, 2024 07:11 PM
‘स्कैम’के तीसरे पार्ट में दुनिया जानेगी 24 हजार करोड़ का घोटाला करने वाले सुब्रत रॉय की पूरी कहानी

फिल्मकार हंसल मेहता की सीरिज ‘स्कैम' का तीसरा सीजन उद्योगपति सुब्रत रॉय के जीवन पर आधारित होगी। इस सीरिज का नाम ‘स्कैम 2010- द सुब्रत रॉय सागा' होगा। ये वही सुब्रत रॉय थे जिन्होंने सहारा ग्रुप जैसा साम्राज्य खड़ा किया जिसपर 24000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था। हालांकि अब वह इस दुनिया में नहीं है, पर उनसे जुड़े घाेटोले को कोई नहीं भूला पाया है। 

 

 ‘स्कैम' की कहानी तमाल बंद्योपाध्याय की किताब ‘सहारा: द अनटोल्ड स्टोरी' पर आधारित होगी। ओटीटी मंच सोनी लिव की इस सीरीज का निर्माण स्टूडियो नेक्स्ट और अप्लॉज एंटरटेनमेंट मिलकर करेंगे। मेहता इसके निर्देशक होंगे। निर्माताओं की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘ ‘स्कैम 2010' रॉय के जमीन से आसमान तक पहुंचने की कहानी है। 2000 के दशक की शुरुआत में रॉय पर ‘चिट-फंड' हेरफेर और फर्जी निवेशकों के आरोप लगे जिसके बाद 2014 में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। करीब 25,000 करोड़ रुपये अब भी सरकारी अधिकारियों के पास पड़े हैं...'' 

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 मेहता ने एक बयान में कहा- ‘‘ 'स्कैम' मेरे लिए सिर्फ एक ‘फ्रेंचाइजी' नहीं है। यह हमारे समय की दास्तां है। मैं इस कहानी को पेश करने के लिए अप्लॉज और सोनी लिव के साथ फिर से सहयोग करके खुश हूं।'' इसके पहले दो सीजन ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी' और ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी' हैं। मेहता ने अभी तक आगामी सीरिज के लिए कलाकारों की घोषणा नहीं की है। 

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बता दें कि साल 1978 में सहारा इंडिया का पहला दफ्तर खोला जाता है। इस कंपनी में लोगों को अच्छा रिटर्न का लालच दिया जाता है और फिर लोग निवेश करना शुरू कर देते हैं। शुरुआत में अच्छे रिटर्न्स दिए भी गए जैसे जैसे सहारा का कारोबार बढ़ता गया, सुब्रत रॉय की संपत्ति दो गुनी, चौगुनी होती चली गई। रॉय  ने अपने बेटों की शादी में 500 करोड़ से ज्यादा खर्च किया। कई जानी-मानी हस्तियां इस शादी में पहुंची थीं।

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 2007 में सेबी ने जांच-पड़ताल की तो सहारा ग्रुप के कामकाज में गड़बड़ी मिली। आरोप लगे कि सहारा ग्रुप ने 3 करोड़ लोगों के 24000 करोड़ रुपये नहीं लौटाए हैं। जब इसके सबूत मांगे गए तो सुब्रत रॉय के आदेश पर 127 ट्रकों में डॉक्यूमेंट्स भरकर ईडी के दफ्तर भिजवा दिया गया। डॉक्यूमेंट्स की जांच करने पर पता चला कि सहारा ग्रुप द्वारा निवेशकों के फर्जी नामों का इस्तेमाल किया गया है।  फरवरी 2014 में सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया। दो साल जेल में रहने के बाद वो पेरोल पर बाहर आए।  बताया जाता है कि अब भी उस कंपनी में 3 करोड़ से अधिक निवेशकों का 24 हजार करोड़ फंसा हुआ है। 
 

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