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World Thalassemia Day: क्या है थैलेसीमिया की बीमारी? जानें इसके लक्षण और बचाव

  • Edited By palak,
  • Updated: 08 May, 2024 10:56 AM
World Thalassemia Day: क्या है थैलेसीमिया की बीमारी? जानें इसके लक्षण और बचाव

थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिसके कारण कई सारी सेहत संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है। हीमोग्लोबिन वो प्रोटीन मॉलिक्यूल है जो रेड ब्लड सेल्स कैरी करता है। इस बीमारी के कारण मरीजों के शरीर में आरबीसी की कमी होने लगती है जिससे एनीमिया हो सकता है। इसका खतरा बच्चों में सबसे ज्यादा होता है। माता-पिता के जरिए यह बीमारी बच्चों में जाती है। भारत में हर साल 10 हजार से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के साथ जन्म लेते हैं। हर साल 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। ऐसे में इस दौरान आपको बताते हैं कि इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। 

थैलेसीमिया के लक्षण 

. सर्दी-जुकाम रहना 
. कमजोरी और उदासी रहना

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. सांस लेने में तकलीफ 
. कई तरह के इंफेक्शन होना
. शरीर में पीलापन रहना
. दांत बाहर की ओर निकलना 
. उम्र के अनुसार शरीर का विकास न होना

इलाज 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसका इलाज एक टेस्ट के जरिए किया जाता है। इस टेस्ट को एचएलए कहते हैं। यदि मरीज के किसी भाई या बहन का फुल एचएलए मैच होता है तो वे डोनर बनते हैं। यदि मैच नहीं होता तो फिर कोई दूसरा डोनर खोजा जाता है। हांलाकि यदि मरीज के मामले में डोनर न मिल पाए तो मरीज को खून चढ़ाया जाता है जिसके बाद यह क्रम ऐसे ही चलता रहता है। 

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कैसे करें बचाव?

. इससे बचने के लिए शादी से पहले ही लड़केऔर लड़की को अपने खून की जांच करवा लेनी चाहिए। 

. यदि बिना खून की जांच करवाए शादी हो गई है तो गर्भावस्था में 8-11 हफ्ते के अंदर अपनी डीएनए की जांच करवानी चाहिए। 

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. बिना खून की जांच करवाए इस बात का पता करना मुश्किल है कि खून में कोई परेशानी है यदि शादी से पहले ही पति-पत्नी अपने खून की जांच करवा लें तो जेनेटिक डिसऑर्डर से बच्चे को बचाया जा सकता है।

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