हमारे भारतीय समाज में विवाह दो आत्माओं के मिलन का दूसरा नाम है। जन्म-जन्मांतर का अटूट रिश्ता है। यह एक ऐसी वचनबद्धता है, जिसे 2 लोग एक होकर निभाते हैं। विवाह की सफलता तभी संभव है जब आप कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें। निभाने का दायित्व पति और पत्नी दोनों का होता है इसलिए दोनों को ही अपने रिश्ते को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिएं। वास्तव में कोई भी रिश्ता तभी जीवित रह पाता है, जब आप उसे निभाने के लिए सच्चे मन से प्रयासरत हों :
सकारात्मक सोच रखें
•सर्वप्रथम रिश्ते के प्रति सदैव सकारात्मक सोच रखें, क्योंकि सकारात्मक सोच के अभाव में आप अपने रिश्ते और प्यार को कभी सफलतापूर्वक नहीं निभा सकते।
•भावनात्मक रूप से पति-पत्नी दोनों का संतुष्ट होना भी उतना ही आवश्यक है जितनी कि शारीरिक संतुष्टि। इसलिए भावनाओं को नजरअंदाज करने की भूल कभी न करें। एक-दूसरे को समझना और भावनाओं की कद्र करना पति-पत्नी के रिश्तों को और भी अधिक मजबूत बनाता है।
•कोई भी व्यक्ति परफैक्ट नहीं होता। गलतियां सभी से होती हैं इसलिए कभी भी एक-दूसरे की गलतियों को पकड़कर न बैठें। उन्हें जहां तक हो नजरअंदाज करें। भूल कर भी पुरानी गलतियों पर टीका-टिप्पणी न करें।
विश्वाश बनाएं रखें
•रिश्ते में प्रेम और मधुरता बनी रहे, इसके लिए स्पर्श, पर्सनल स्पेस और सरप्राइज का विशेष ध्यान रखें। प्यार भरा स्पर्श जहां आपके साथी को भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करेगा, वहीं समय-समय पर थोड़ा स्पेस आपके रिश्ते में ताजगी का अनुभव कराएगा। इसी तरह एक-दूसरे को सरप्राइज देते रहना भी आपके रिश्ते को और दृढ़ता प्रदान करेगा।
•पति-पत्नी के मध्य छोटे-मोटे झगड़े होना आम बात है लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि झगड़े के मध्य अपशब्दों का प्रयोग भूल कर भी न करें और न ही एक-दूसरे के चरित्र पर कीचड़ उछालने का प्रयास करें, क्योंकि यह बात वैवाहिक जीवन को ग्रहण लगाने में अहम भूमिका निभाती है।
•दाम्पत्य जीवन की सफलता में पति-पत्नी की एक-दूसरे पर विश्वास की भावना बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए सच्चे मन से अपने साथी पर विश्वास कीजिए और विवाहेत्तर संबंधों को भूल कर भी अपने जीवन में स्थान न दीजिए क्योंकि ऐसे संबंध दाम्पत्य जीवन की पवित्रता को नष्ट करते हैं।
प्यार का करते रहें इजहार
•सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए पति-पत्नी दोनों को ही इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनके रिश्ते के बीच कभी उनका ईगो न आए। इसका अंकुर फूटे, इससे पूर्व ही उसे उखाड़ फैंकें।
•सुखद दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए पति-पत्नी को चाहिए कि वे एक-दूसरे से ज्यादा अपेक्षाएं न रखें। अपेक्षाओं के विपरीत प्रेम और त्याग को अधिक महत्व दें।
•दूसरों के कारण अपने आपसी रिश्ते को कमजोर न पड़ने दें। समझदारी से काम लेते हुए विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलें। एक-दूसरे को सम्मान देने की भावना सुखी गृहस्थ जीवन की निशानी है।
•पति-पत्नी के मध्य दोस्ती का रिश्ता होना बहुत आवश्यक है। यह दोस्ती का रिश्ता जितना मजबूत होगा, उतना ही आपका दाम्पत्य जीवन सुखद होगा।
•सुखी दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि पति-पत्नी एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार भी करें। माना कि आप अपने जीवनसाथी से बेपनाह मोहब्बत करते हैं लेकिन आप उन्हें इसका एहसास नहीं कराते इसलिए भी संबंधों में दूरियां आती हैं।