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शमिता शेट्टी को हुई एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी, पीरियड्स और इंटरकोर्स में होने वाले दर्द को ना करें इग्नोर

  • Edited By Manpreet Kaur,
  • Updated: 15 May, 2024 05:05 PM

फेमस एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी की बहन शमिता शेट्टी को भला कौन नहीं जानता। अक्सर उन्हें पार्टीज में देखा जाता है लेकिन हाल ही में वह अस्पताल में हैं। दरअसल, शमिता वहां एक सर्जरी के लिए गई हैं क्योंकि वह एक बेहद दर्द भरी बीमारी से पीड़ित हैं जिसे एंडोमेट्रियोसिस कहते हैं। इसकी जानकारी खुद एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर कर दी है। वीडियो में शमिता हॉस्पिटल के बैड पर लेटी हुई हैं। इसके साथ ही उन्होंने तमाम महिलाओं को इस गंभीर बीमारी को लेकर आगह भी किया है। एकट्रेस ने बताया कि उन्हें इस बीमारी के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था। आपको बता दें की आज कल के समय में ये महिलाओं को होने वाली बेहद कॉमन बीमारी है, लेकिन महिलाओं को इसके बारे में पता नहीं होता। इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है और ये आप तभी कर पाएंगी जब आपको इसके बारे में पता होगा। ऐसे में हम आज आपको बताएंगे इस बीमारी के बारे में डिटेल में आपको जानकारी देते हैं। 

क्या है एंडोमेट्रियोसिस ?

महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या आज के समय में आम हो गई है, जिसमें प्रदूषण से भरे वातावरण और खराब खान-पान के कारण हार्मोन इंबैलेंस और अन्य समस्याओं से होती हैं। इनफर्टिलिटी समस्यों में एक एंडोमेट्रियोसिस भी है, जिसमें गर्भाशय में होने वाले एंडोमेट्रियल टिशू गर्भाशय के बाहर फैलने लगते हैं और फैलोपियन ट्यूब, लिम्फ नोड्स, ओवरी और आंतो पर चिपकने लगते हैं जिस वजह से महिलाओं को ये समस्या होने लगती है। यह महिला की प्रेगनेंसी में सबसे बड़ी बाधा बनती है। 

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एंडोमेट्रियोसिस होने का कारण क्या है?

दरअसल, एंडोमेट्रियोसिस होने की कोई सटीक परिमाण सामने नही आए। इस बीमारी पर कई  मेडिकल रिसर्च हो रही है। डॉक्टर का कहना है कि महिलाओं को लंबे समय तक इस बात का पता ही नहीं चल पाता है कि वह एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित हैं। महिलाएं पीरियड के दौरान और इंटरकोर्स के समय या बाद में होने वाले दर्द को सामान्य समझती हैं और इसे इग्नोर करती हैं। ऐसे में एंडोमेट्रियोसिस की समस्या बढ़कर तीसरे या चौथे स्टेज पर पहुंच जाती है, जिसमें कई महिलाओं की ओवरी में बड़े साइज की सिस्ट हो जाती है। एंडोमेट्रियोसिस का देर से पता चलने पर अगर सिस्ट का साइज ज्यादा बड़ा है और महिला को दर्द तेज है तो ऐसे में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की मदद से इसे हटाया जाता है।

इन चीजों से परहेज करें

एंडोमेट्रियोसिस की समस्या में पैकेज्ड फूड और जंक फूड से दूरी बना लेनी चाहिए क्योंकि इनमें ट्रांस-फैट पाया जाता है, जिससे समस्या बढ़ सकती है। 

एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को एल्कोहल, कैफीन के सेवन से बचना चाहिए।

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पैक्ड फलों के जूस, एनर्जी ड्रिंक का सेवन भी एंडोमेट्रियोसिस में नहीं करना चाहिए।

एंडोमेट्रियोसिस में लाल मांस का सेवन कम करना चाहिए।

एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाएं?

फाइबर युक्त आहार 

शरीर में एस्ट्रोजन बढ़ने पर ज्यादा दर्द हो सकता है, ऐसे में एंडोमेट्रियोसिस होने पर ज्यादा फाइबर की डाइट लें। इससे दर्द से आपको काफी आराम भी मिलेगा।

हरी सब्जियों का सेवन

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हरी सब्जियों और रेशेदार फल जैसे- सेब, रसभरी और नाशपाती डाइट में शामिल करें।

नट्स और सीड्स को करें डाइट में शामिल

ओमेगा-3 से भरपूर नट्स और सीड्स खाएं। अगर आप नॉनवेज खाते हैं तो ओमेगा-3 के लिए मछली का सेवन करें।
 

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