नारी डेस्क: बढ़ती उम्र के साथ हमारी सेहत पर कई तरह के असर पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में अगर समय पर बीमारियों का पता चल जाए, तो सही इलाज से इनका समाधान संभव है। विशेषज्ञों के अनुसार, समय-समय पर कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है। ये टेस्ट न केवल बीमारियों की रोकथाम में मदद करते हैं, बल्कि समय रहते बीमारी का इलाज भी संभव बनाते हैं। आइए जानते हैं उन टेस्ट्स के बारे में जो आपको लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने में मदद कर सकते हैं।
पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test)
यह टेस्ट महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि यह गर्भाशय के कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) का पता लगाने में मदद करता है। इस टेस्ट में गर्भाशय की कोशिकाओं का सैंपल लिया जाता है और माइक्रोस्कोप से इसकी जांच की जाती है। अगर कोई असामान्य कोशिकाएं पाई जाती हैं, तो समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है। महिलाओं को यह टेस्ट 21 साल की उम्र के बाद हर 3 साल में करवाना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग (Breast Cancer Screening)
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। इसे शुरुआती चरण में पहचानने के लिए ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है। इसमें मैमोग्राफी की जाती है, जो ब्रेस्ट में किसी गांठ या असामान्य गतिविधि का पता लगाती है। डॉक्टर 40 साल की उम्र के बाद हर साल यह टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट (Bone Mineral Density Test)
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह टेस्ट हड्डियों की मजबूती और उनमें मौजूद मिनरल्स के स्तर का पता लगाने के लिए किया जाता है। खासकर महिलाओं को मेनोपॉज के बाद यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
थायराइड फंक्शन टेस्ट (Thyroid Function Test)
थायराइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। थायराइड फंक्शन टेस्ट से इस ग्रंथि के सही ढंग से काम करने का पता लगाया जाता है। यह टेस्ट खासतौर पर थायराइड हार्मोन (T3, T4, और TSH) के लेवल की जांच करता है। थकान, वजन बढ़ना या गिरना, और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं थायराइड के संकेत हो सकते हैं।
डायबिटीज स्क्रीनिंग (Diabetes Screening)
डायबिटीज आजकल एक आम समस्या बन गई है। इसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है क्योंकि यह दिल, किडनी और आंखों पर बुरा असर डालती है। इस टेस्ट में ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है। 35 साल की उम्र के बाद हर साल यह टेस्ट करवाना चाहिए, खासकर अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास हो।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test)
यह टेस्ट हार्ट डिजीज का खतरा जानने के लिए किया जाता है। इसमें खून में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एचडीएल-एलडीएल के स्तर को मापा जाता है। इस टेस्ट से हार्ट अटैक या स्ट्रोक के जोखिम का समय रहते पता चल सकता है। 30 साल की उम्र के बाद हर 5 साल में यह टेस्ट करवाना चाहिए।
कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count - CBC)
यह एक बेसिक और जरूरी टेस्ट है जो शरीर में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करता है। इससे एनीमिया, इंफेक्शन या अन्य खून से जुड़ी समस्याओं का पता चलता है। यह टेस्ट हर साल करवाना चाहिए।
विटामिन डी लेवल टेस्ट (Vitamin D Test)
विटामिन डी की कमी से हड्डियों की कमजोरी, थकान और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस टेस्ट से खून में विटामिन डी का स्तर पता लगाया जाता है। यह टेस्ट खासकर उन लोगों के लिए जरूरी है जो धूप में कम जाते हैं।
विटामिन बी12 लेवल टेस्ट (Vitamin B12 Test)
विटामिन बी12 की कमी से कमजोरी, थकान और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। यह टेस्ट खून में बी12 के स्तर की जांच करता है। अगर आप शाकाहारी हैं या ज्यादा उम्र के हैं, तो यह टेस्ट जरूर करवाएं।
डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें
यह सभी टेस्ट समय-समय पर करवाने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। हालांकि, किसी भी टेस्ट से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। वह आपकी उम्र, स्वास्थ्य और जीवनशैली के आधार पर सही टेस्ट की सलाह देंगे।
नोट: यह जानकारी जागरूकता के लिए दी गई है। किसी भी टेस्ट या इलाज से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।