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माता-पिता को अच्छी जिंदगी देने के लिए यमन गई थीं केरल की निमिषा, 16 जुलाई को मिलेगी फांसी, जानें पूरा मामला

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 10 Jul, 2025 12:50 PM
माता-पिता को अच्छी जिंदगी देने के लिए यमन गई थीं केरल की निमिषा, 16 जुलाई को मिलेगी फांसी, जानें पूरा मामला

नारी डेस्क: केरल के पलक्कड़ की रहने वाली और पेशे से नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को मौत की सजा सुनाई जाएगी। मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने बताया कि निमिषा पर यमन के एक नागरिक की हत्या का आरोप है। जेरोम के पास निमिषा की मां प्रेमा कुमारी की पावर ऑफ अटॉर्नी भी है। सैमुअल जेरोम के अनुसार, यमन के जेल के चेयरमैन ने उन्हें कॉल करके फांसी की तारीख की जानकारी दी है। निमिषा को भी इस बारे में आधिकारिक रूप से बताया जा चुका है। हालांकि अभी कुछ विकल्प खुले हुए हैं और बातचीत जारी है।

ब्‍लड मनी और भारत सरकार की मदद

यमन के मृतक नागरिक के परिवार ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मृतक के परिवार को दस लाख डॉलर की ब्‍लड मनी की पेशकश की गई है। एक स्पॉन्सर की मदद से यह रकम जुटाने की कोशिश भी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो भारत सरकार निमिषा की जान बचाने के लिए मामले में हस्तक्षेप कर सकती है।

निमिषा कौन हैं?

निमिषा प्रिया केरल की नागरिक हैं। उन्होंने नर्सिंग की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2011 में बेहतर जिंदगी की उम्मीद में यमन चली गईं। उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे इसलिए निमिषा ने अपने परिवार की मदद के लिए वहां काम करना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने यमन के कई अस्पतालों में दिन-रात काम किया। बाद में उन्होंने अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया। 2014 में तलाल अब्दो महदी से उनका संपर्क हुआ, जिन्होंने निमिषा को यमन में क्लिनिक खोलने में मदद का वादा किया था। निमिषा को लगा कि अब उनका सपना पूरा होगा।

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यमन के व्यापार कानून की शर्तें

यमन के कानून के मुताबिक, कोई भी विदेशी नागरिक देश में बिजनेस शुरू करने के लिए स्थानीय नागरिक के साथ पार्टनरशिप करना अनिवार्य है। निमिषा ने भी इन नियमों का पालन करते हुए तलाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी की और 2015 में अपना क्लिनिक शुरू किया। शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन बाद में तलाल महदी और निमिषा के बीच मतभेद होने लगे। निमिषा ने तलाल पर दुर्व्यवहार और यातना के आरोप लगाए। बताया गया कि तलाल ने उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था ताकि वे यमन छोड़कर न जा सकें।

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पुलिस शिकायत और गिरफ्तारी

निमिषा ने महदी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 2016 में तलाल महदी को गिरफ्तार भी किया गया लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसे रिहा कर दिया गया। 2017 में निमिषा ने पासपोर्ट वापस पाने के लिए स्थानीय जेल वार्डन की मदद ली। उस वार्डन ने तलाल महदी को बेहोश करने के लिए सेडेटिव (नशे की दवा) देने का सुझाव दिया। निमिषा ने सेडेटिव का इंजेक्शन लगा दिया, लेकिन ओवरडोज़ की वजह से महदी की मौत हो गई। इस घटना के बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया।

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प्रेमा कुमारी की यमन यात्रा

निमिषा की मां प्रेमा कुमारी इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना पहुंची थीं। वे अपनी बेटी की मौत की सजा माफी और मृतक के परिवार के साथ ब्‍लड मनी पर बातचीत करने के लिए वहां रुकी हुई हैं।

हालांकि फांसी की तारीख तय हो चुकी है, लेकिन कुछ विकल्प अभी भी खुले हैं। भारत सरकार की मदद और ब्‍लड मनी के माध्यम से निमिषा की जान बचाने की कोशिशें जारी हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता और परिवार का यह प्रयास है कि किसी तरह इस मामले को सुलझाया जाए और निमिषा को मौत की सजा से बचाया जा सके।


 

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