बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत को हाल ही में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया जिसकी वीडियो शेयर कर कंगना ने सबका शुक्रिया अदा भी किया लेकिन अब सोशल मीडिया में उन्हें पद्मश्री वापिस करने की मांग की जा रही है। जिसकी वजह कंगना रानौत के विवादित बयान है। ऐसे शब्द जिन्हें सुनकर लोग भड़क गए हैं और कंगना से जुड़े कई ट्वीट किए जा रहे हैं। हैशटैग में पद्मश्री वापिस करो ट्रैंड में है... यहां तक कि राष्ट्रपति भवन को एक लैटर भी लिखा गया है कि जिसमें लिखा है कि 'कंगना ने हमारे फ्रीडम फाइटर्स और उनकी कुर्बानियों का मजाक बनाया है। वह पद्मश्री सम्मान की हकदार नहीं हैं उनसे ये सम्मान वापिस लिया जाए।'
चलिए आपको बताते हैं इस बार कंगना रानौत ने कौन सा नया पंगा ले लिया है जो ट्विटर पर उनके पद्मश्री वापिस करने की मांग उठ खड़ी हुई है। दरअसल सोशल मीडिया पर उनकी 24 सेकेंड की एक क्लिप वायरल हो रही है, जिनमें एक्ट्रेस यह कहती साफ सुनाई दे रही हैं कि, 'सन 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो असल आजादी मिली है वह 2014 में मिली।' यह बयान कंगना ने 'टाइम्स नाउ समिट 2021' में दिया जो अब खूब चर्चा में बना हुआ है। इस बयान के समर्थन और विरोध में कई ट्रेंड्स ट्विटर पर देखे गए, जहां कुछ लोग उन्हें समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इस बयान को 'देशद्रोह' बता रहे हैं।
विपक्षी दल 'भारत को आजादी भीख में मिलने' संबंधी बयान को 'देशद्रोह' बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि अभिनेत्री कंगना रनौत पद्मश्री सम्मान वापस करें। ट्विटर पर यूजर्स जमकर उन्हें खरी-खोटी सुना रहे हैं और यहीं मांग कर रहे हैं कि वो पद्मश्री वापिस करें।
एक यूजर्स ने कहा-देश का गद्दार है वो जो हमारे वीर शहीदों का अपमान करेगा।
नेता वरुण गांधी ने इस पर ट्वीट किया और कहा- 'महात्मा गांधी के बलिदान का कभी अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का तिरस्कार। क्या मैं इस सोच को पागलपन या देशद्रोह कहूं?'
अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी अपने ट्विटर पेज पर कंगना का वीडियो क्लिप साझा किया और उनके बयान पर ताली बजाने वालों पर हैरानी जताई। ‘तनु वेड्स मनु’ की दोनों फिल्मों में कंगना के साथ काम कर चुकीं लेकिन उनकी आलोचक स्वरा ने लिखा, ‘‘ये कौन बेवकूफ ताली बजा रहे थे, मुझे उनके बारे में जानना है।’’
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है। प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या वह कंगना रनौत की राय का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।'
आगे उन्होंने कहा, 'माननीय राष्ट्रपति को कंगना से तत्काल पद्म सम्मान वापस लेना चाहिए। ऐसे सम्मान देने से पहले मानसिक हालात का आंकलन होना चाहिए ताकि ऐसे लोगों को ये सम्मान नहीं मिले जो देश और उसके नायकों का अपमान करते हैं।'
वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी लीडर नवाब मलिक ने कंगना को गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने कहा, 'मैं अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान की कड़ी निंदा करता हूं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। केंद्र सरकार को कंगना से पद्मश्री वापस लेकर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।' मलिक ने कंगना पर तंज कसते हुए कहा, 'मोहतरमा मलाणा क्रीम लेकर ज्यादा बोल रही हैं। मलाणा क्रीम का डोज ज्यादा हो गया है, इसलिए उल-जुलूल की बातें कर रहीं हैं। हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार कंगना रनौत का पद्मश्री वापस ले।'
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि कंगना रनौत को अपने बयान के लिए सभी देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान हुआ है।' उन्होंने यह भी कहा, 'भारत सरकार को ऐसी महिला से पद्मश्री सम्मान वापस लेना चाहिए जिसने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, पंडित नेहरू, सरदार भगत सिंह का अपमान किया है। ऐसे लोगों को पद्मश्री देने का मतलब है कि सरकार इस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रही है।'
ऐसे और भी बहुत सारे कमेंट्स हैं जो कंगना के लिए किए जा रहे हैं। बता दें कि कंगना मोदी सरकार का समर्थन करती रही हैं।