जहां एक तरफ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नई ऊंचाइयां छू रहा है वहीं दूसरी तरफ वहां से एक दुखद खबर सामने आई है। चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के समय होने वाले काउंटडाउन की आवाज अब हमेशा के लिए बंद हो गई है। अपनी आवाज के लिए जाने जानी वाली वैज्ञानिक वलारमती ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनका दिल का दौरा पड़ने के चलते निधन हो गया है।
ISRO की वैज्ञानिक एन वलारमथी ने दो सितंबर यानी शनिवार की शाम चेन्नई में आखिरी सांस ली। वह देश के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सेटेलाइट RISAT की परियोजना निदेशक भी थीं। उन्होंने आखिरी बार मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान उलटी गिनती को आवाज दी थी। इससे पहले भी वह कई रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती में अपनी आवाज दी चुकी है।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वेंकटकृष्ण ने इस महान शख्स को खोने पर दु:ख जताया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- श्रीहरिकोटा से इसरो के आगामी मिशनों में अब वलारमथी मैडम की आवाज सुनाई नहीं देगी। मिशन चंद्रयान-3 उनका अंतिम काउंटडाउन था। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है।
बता दें कि एन वलारमथी मूल रूप से तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वालीं थीं। उन्होंने 1984 में इसरो ज्वाइन किया था। वलारमथी को तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में स्थापित प्रतिष्ठित अब्दुल कलाम पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हे। वह यह अवार्ड पाने वालीं पहली व्यक्ति थीं।