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क्या ब्रेस्टफीड करानेवाली मां का अल्कोहल का सेवन करना सुरक्षित है?

  • Edited By neetu,
  • Updated: 26 May, 2021 12:32 PM
क्या ब्रेस्टफीड करानेवाली मां का अल्कोहल का सेवन करना सुरक्षित है?

गर्भावस्था और स्तनपान दोनों ही स्थिति में मां को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान उसे हैल्दी चीजों का सेवन करना चाहिए। ताकि बच्चे का बीमारियों से बचाव होने के साथ बेहतर विकास हो सके। वहीं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान तो महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। दरअसल मां के दूध के जरिए ही बच्चे को पोषण मिलता है। वहीं मां द्वारा शराब पीने की बात करें तो यह शिशु को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। भले प्रेगनेंसी में कभी-कभार 1 गिलास वाइन पी जा सकती है। मगर ब्रेस्टफीडिंग के समय इसके सेवन से बचना चाहिए। असल में, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शिशु के शरीर में जाने वाला अल्कोहल गर्भनाल या प्लसेन्टा (placenta) के जरिए उसके शरीर में पहुंचने वाली शराब (अगर माता गर्भावस्था के दौरान पीती है) की तुलना में अधिक असर करता है। 

 

वहीं अगर किसी महिलाओं के इसके सेवन की लत है तो उसे गर्भावस्था व ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इससे परहेज रखना चाहिए। इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि बच्चे को किसी तरह का कोई नुकसान ना हो। 

.  मां को अल्कोहल का सेवन हमेशा बच्चे को दूध पिलाने के बाद ही करना चाहिए। 
. इसके अलावा दूध पिलाने से 2-3 घंटे पहले इसका सेवन कर सकती है। 

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मगर फिर भी एक्सपर्ट्स द्वारा ब्रेस्टफीडिंग वाली मां को अल्कोहल से दूरी बनाने में ही समझदारी है। ताकि शिशु का सही से विकास हो सके। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि स्तनपान करवाने वाली मां द्वारा अल्कोहल पीने से शिशु के किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

बच्चा को दूध कम मिलता है

मां द्वारा अल्कोहल का सेवन करने से यह खून के साथ ब्रेस्ट मिल्क में मिल जाता है। इससे दूध उत्पादन में कमी आने लगती है। ऐसे में बच्चे को सही मात्रा में दूध नहीं मिल पाता है। ऐसे में स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को शराब का सेवन करने से बचना चाहिए। 

बच्चे का इम्यून सिस्टम होगा कमजोर

जैसे की सभी जानते हैं कि शिशु के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार होता है। वहीं मां के दूध में मौजूद माइक्रोब्स बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। मगर मां द्वारा अल्कोहल का सेवन करने से शिशु के इम्यून सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। इसके कारण शिशु को अन्य संक्रमणों से लड़ने की शक्ति नहीं मिल पाती है। ऐसे में उसके बार-बार व जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आने का खतरा रहता है।

शिशु के दिमाग और लिवर पर बुरा असर 

ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं द्वारा अधिक व रोजाना शराब का सेवन करने से बच्चे के मोटर विकास में बांधा आने लगती है। ऐसे में उसका मानसिक विकास बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है। इसके साथ ही शिशु के लिवर को भी नुकसान पहुंचता है। 

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बच्चे की नींद गड़बड़ होना 

माना गया है कि ब्रेस्ट मिल्क में अल्कोहल की एक छोटी मात्रा होने पर भी बच्चे की नींद के चक्र को खराब करने का काम करती है। ऐसे में शिशु की नींद में गड़बड़ी होने से वे बहुत कम समय के लिए सोते हैं। 

बच्चे का गंध पहचानना मुश्किल

मां द्वारा अल्कोहल का सेवन करने से बच्चे पर बेहद ही बुरा असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स से अनुसार, इससे बच्चे को लंबे समय तक गंध ना पहचाने की परेशानी भी हो सकती है।

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