बॉलीवुड नगरी में बहुत से स्टार्स हैं जो भले ही आज दुनिया को अलविदा कह गए हैं लेकिन फैंस उन्हें आज भी जिंदा रखे हैं। उन्हीं में से एक नाम सुपरस्टार विनोद खन्ना का भी है। भले ही आज वो हमारे बीच नहीं है लेकिन फैंस के दिलों में वह आज भी जिंदा है। करीब 4 दशकों तक इंडस्ट्री पर राज करने वाले विनोद खन्ना का करियर बुलंदी पर ही रहा। प्रोफेशनल करियर में उनका सितारा बुलंद ही रहा लेकिन उनका निजी जीवन भी हमेशा लाइमलाइट में ही बना रहा। बॉलीवुड के 'हैंडसम हंक' कहे जाने वाले विनोद खन्ना ने अपनी कॉलेज फ्रैंड से शादी लेकिन एक दिन खुद अपने ही एक फैसले से अपना बसा बसाया घर भी उजाड़ लिया और फिर दूसरा घर भी बसाया। पहली शादी से उन्हें दो बेटे थे अक्षय और राहुल खन्ना जिनके बारे में तो लोग जानते हैं लेकिन दूसरी शादी से भी उन्हें दो बच्चे हैं-साक्षी और श्रद्धा खन्ना जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है।
चलिए आज के पैकेज में आपको विनोद खन्ना के परिवारिक इतिहास के बारे में ही बताते हैं।
विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्तूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ और जब बंटवारा हुआ तो उनका परिवार पंजाब और फिर मुंबई आ गया था। साइंस में खास रुचि रखने वाले विनोद के पिता चाहते थे कि बेटा बिजनेस में हाथ बंटाए क्योंकि वह एक कारोबारी थे लेकिन इसी बीच विनोद अपने कॉलेज के थिएटर ग्रुप में शामिल हो गए। इसी दौरान उनकी मुलाकात पहली पत्नी गीतांजलि तालेयारखान से हुई जो एक पारसी थीं। उस समय वह भी मॉडल बनना चाहती थीं।
वह कॉलेज के दिनों में ही दोस्त बन गए और जल्द ही एक दूसरे को डेट भी करने लगे। कॉलेज के ही दिनों में विनोद खन्ना को निर्माता, निर्देशक सुनील दत्त ने देखा था और उन्होंने विनोद को 'मन का मीत' नामक फिल्म ऑफर की थी जिसे विनोद ने असेप्ट भी किया। साल 1968 में उन्होंने अपनी पहली शुरुआत की और धीरे-धीरे बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं में शुमार हो गए। पहली बार पर्दे पर आने के बाद ही इन्हें 15 फिल्मों का कान्ट्रैक्ट मिल गया था करियर के पीक पर साल 1971 में उन्होंने अपनी दोस्त गीतांजलि को अपना हमसफर भी बनाया और घर दो बच्चे राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना हुए। सब कुछ सही चल रहा था लेकिन विनोद खन्ना ने खुद ही अपने पीक पर पहुंचे करियर और खुशहाल परिवार में तहलका मचा दिया हालांकि रविवार को वह काम नहीं करते थे क्योंकि वह फैमिली के साथ ही टाइम स्पैंड करते थे और शुरू से ही अपने परिवार के प्रति वफादार रहे लेकिन एक दिन सबकुछ छोड़ छाड़ कर विनोद सन्यासी बन गए क्योंकि पैसा-परिवार होते हुए भी वह असहज महसूस करते थे और उन्हें आंतरिक शांति मिली ओशो आश्रम जाकर लेकिन उनकी इस राह ने परिवार को खराब दौर पर पहुंचा दिया।
साल 2002 में विनोद खन्ना ने बताया कि उन्हें ओशो पंथ से इतना आध्यात्मिक जुड़ाव हो गया कि उन्होंने अपने करियर को छोड़ दिया और आश्रम के काम को देखने के लिए यूएसए चले गये हालांकि इस बीच वह परिवार से बात तो करते थे लेकिन पति-पत्नी के बीच दूरियां आने लगी।
गीतांजलि ने समझाने की भी कोशिश की कि उन्हें व बेटों को दुनिया का सामना करना मुश्किल हो रहा है। लोग उन्हें पिता के ठिकाने के बारे में सवाल करते हैं लेकिन विनोद वापिस नहीं आए। साल 1985 में गीतांजलि और विनोद दोनों अलग हो गए। इतने बीच विनोद का आध्यात्म जीवन से भी मन उचट गया और सन्यास छोड़कर वह 1987 में दोबारा इंडिया आ गए लेकिन तब तक ना रुतबा बचा था ना पैसा और ना परिवार। खबरों की मानें तो उस समय विनोद ने काफी आर्थिक मुश्किलें देखीं लेकिन फिल्म नगरी और दोस्तों ने खुले दिल से उनका स्वागत किया और धीरे-धीरे उन्होंने फिर इंडस्ट्री में अपनी जगह बना लीं और एक महिला के दिल में भी बस गए।
इसी दौरान उनकी मुलाकात मशहूर बिजनेसमैन सरयू दफ्तरी की बेटी कविता दफ्तरी से हुई। मुलाकातें बढ़ी और प्यार हुआ। हालांकि कविता विनोद से 16 साल छोटी थी और जब दोनों ने शादी का ऐलान किया तो खबरें सुर्खियों में आ गई। लेकिन बिना किसी की परवाह किए दोनों ने घर बसाया और 2 बच्चों, बेटे साक्षी और बेटी श्रद्धा के मां-बाप भी बने। फिल्मों के अलावा राजनीतिक गलियारों में विनोद खन्ना को प्रसिद्धि मिली लेकिन एक लंबी बीमारी के चलते विनोद 27 अप्रैल 2017 को दुनिया से अलविदा कह गए। उन्हें ब्लैडर कैंसर था। चंद महीनों में ही उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि पहचानना भी मुश्किल हो गया था।
अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना को तो लोग जानते हैं लेकिन तीसरे बेटे साक्षी खन्ना के बारे में लोगों को कम ही पता है हालांकि खबरें उड़ी थी कि पिता की तरह बेटे साक्षी ने भी अध्यात्म की राह चुन ली है और ओशो इंटरनेशनल जॉइन कर लिया हालांकि खबरें ऐसी भी आई थी कि वो बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साक्षी खन्ना ने अपना प्रोडक्शन हाउस भी खोला था लेकिन अब साक्षी खन्ना भी ओशो के भक्त बन गए हैं। जिस तरह से विनोद खन्ना के सन्यास क्यों लिया गया कि जानकारी लोगों को नहीं मिली वैसे ही बेटे के ऐसा करने की वजह सामने नहीं आई।
सन्यास लेने के बाद विनोद का घर टूट गया था। जिस दोस्त को उन्होंने अपना हमसफर बनाया, उसे खो भी दिया। उनका करियर तो दोबारा सक्सेसफुल हो गया लेकिन रिश्ता हमेशा के लिए टूट गया हालांकि उन्होंने अपने सभी बच्चों को अपना प्यार दिया। हमेशा साथ खड़े रहे।