कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। वहीं अब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर बायोएनटेक कोरोनावायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जर्मनी में 7 जून से 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को टीके की डोज लगनी शुरू हो जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी का कहना है कि बच्चों में वैक्सीन का कोई खास साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। EMA का कहना है कि टीका काफी सुरक्षित पाया गया है। 12 से 15 साल के बच्चों में टीके के वही साइड इफेक्टस देखने को मिले जैसे 16 या उससे ज्यादा उम्र के लोगों में पाए गए थे। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। अगर बच्चों को यह टीका लगाया गया तो उनमें थकाम, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना और बुखार आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
95% असरदार पाई गई थी वैक्सीन
आपको बता दें कि ब्रिटेन पहला ऐसा देश है जिसने फाइजर वैक्सीन को इमर्जेंसी में इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दी थी। वहीं इससे पहले हुए ट्रायल में वैक्सीन 95 प्रतिशत असरदार पाई गई थी। जिससे इस वैक्सीन से उम्मीदें बढ़ गई हैं।
कैसे तैयार की गई वैक्सीन?
ये वैक्सीन RNA तकनीक से बनाई गई है, जिसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड का इस्तेमाल किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को इस वैक्सीन की 2 डोज लगाई जाएगी।