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डिस्लिपिडेमिया कंट्रोल करेगी रंग-बिरंगी चीजें, जानिए अलग-अलग खाने की अहमियत

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 23 Jul, 2020 10:17 AM
डिस्लिपिडेमिया कंट्रोल करेगी रंग-बिरंगी चीजें, जानिए अलग-अलग खाने की अहमियत

शारीरिक और मानसिक तौर पर तंदरूस्त रहने के लिए सिर्फ हैल्दी डाइट लेना ही काफी नहीं है। ऐसा तभी हो सकता है जब आप अपनी डाइट में सभी रंग की फल व सब्जियां शामिल करें। इसके लिए सबसे आसान तरीका है इन्द्रधनुष के रंगों यानि रेनबो कलर फूड्स को अपनी सेहत की थाली में शामिल करना। साथ ही इन्द्रधनुष रंग के फूड्स डिस्प्लासिडीमिया में भी फायदेमंद होते हैं।

आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको डिस्लिपिडेमिया कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग खाने की चीजों की अहमियत बताएंगे।

डिस्लिपिडेमिया क्या है?

डिस्लिपिडेमिया में लिपोप्रोटीन के मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स लेवल और लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) बढ़ जाता है। साथ ही इसके कारण हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) का लेवल कम हो जाता है, जिससे दिल के ब्लड वेसल्स के संकरा होने का खतरा रहता है। इससे इस्केमिक हार्ट डिजीज (IHD) के अलावा अन्य हार्ट प्रॉब्लम्स का खतरा रहता है।

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डिस्लिपिडेमिया में लें कैसी डाइट?

डिस्लिपिडेमिया को मैनेज करने के लिए सबसे जरूरी है हैल्दी लाइफस्टाइल और एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल, विटामिन्स जैसे पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है इन्द्रधनुष चीजें खाना।

. डाइट में सैचुरेटेड व ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल फूड्स कम से कम लें।
. घुलनशील फाइबर अधिक लें।
. कार्बोहाइड्रेट से परहेज रखें
. डाइट में एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर चीजें शामिल करें।

डिस्प्लासिडेमिया और इन्द्रधनुष डाइट का कनैक्शन?

रंगीन फल और सब्जियों से सिर्फ सभी जरूरी पोषक तत्व ही नहीं मिलते बल्कि इससे मन संतुष्ट व साइकोलॉजिकल स्ट्रेस कम है। यही नहीं, पेड़-पोधों से मिलने वाली चीजों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी मौजूद होता है। जैसे जिन चीजों में लाइकोपीन होता है, वो लाल रंग की होती हैं। ऐसी डाइट में फाइबर ज्यादा और कैलोरी कम होती है। साथ ही इसमें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और ऊर्जा अधिक होती है इसलिए ये फूड्स कैलोरी बढ़ाए बिना डिस्लिपिडेमिया को कंट्रोल कर सकते हैं।

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क्या है रेनबो डाइट?

डॉक्टर भी हमेशा हर कलर के फूड खाने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि खाना और उसके रंग न्यूट्रिशन से जुड़ा है और हर कलर की अलग पौष्टिक वैल्यू होती है। वहीं रेनबो डाइट में सभी रंगों के फूड होते हैं, जिससे शरीर को पूरा पोषण मिलता है।

सेहत की थाली में शामिल करें इन्द्रधनुष फूड्स

खाने की रंग-बिरंगी चीजें आपको सिर्फ स्वस्थ रखने में ही मदद नहीं करती बल्कि इससे दिमाग पर भी काफी सकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही इससे शरीर में सभी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ती भी हो जाती है। अलग-अलग रंग के फल और सब्जियों में बायोएक्टिव कम्पाउंड, विटामिन्स, मिनरल और दूसरे पोषक तत्व होते हैं, जो बीमारियों को आस-पास भी नहीं फटकने देते। यही नहीं, ऐसी डाइट डिस्प्लासिडीमिया के अलावा कोलेस्ट्रॉल, शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद करती है।

वजन भी कंट्रोल में रखती है ऐसी डाइट

अध्ययनों के मुताबिक, फाइटोकेमिकल्स से भरपूर फल व सब्जियों का सेवन मोटापा, हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है। सफेद और गहरे रंग नारंगी फल व सब्जियों से स्ट्रोक और कोरोनरी का खतरा कम होता है।

चलिए अब आपको बताते हैं खाने की ऐसी अलग-अलग चीजें, जो डिस्लिपीडेमिया में फायदेमंद हैं:

1. घुलनशील फाइबर से भरपूर सोया, जई और जौ कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं।
2. प्रोटीन से भरपूर सोयाबीन, बीन्स और दूसरे फलियों का सेवन भी डिस्लिपीडेमिया में फायदेमंद हैं।
3. अंगूर, कोको, दालचीनी व क्रैनबेरी में पॉलीफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कोलेस्ट्रॉल संश्लेषण को बाधित करने में मददगार है।
4. एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर करक्यूमिन भी हैल्दी लिपिड प्रोफाइल को बनाए रखने में मददगार होते हैं।
5. अपनी डाइट में लहसुन और प्याज भी अधिक शामिल करें। इनमें फाइटोकोनस्टिटुएंट्स होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करके गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं।

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अगर आप भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो अपनी डाइट में अलग-अलग तरह की रंगीन व सेहतमंद चीजों को शामिल करें और अपनी जिंदगी को अच्छे सेहत के रंगों से स्वस्थ बनाएं।

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