
नारी डेस्क: गांधीनगर (गुजरात) से एक बहुत ही दुखद खबर आई है। यहां के सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में काम करने वाले 39 वर्षीय डॉ. नीरव ब्रह्मभट्ट की नर्मदा कैनाल में डूबने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब वे अपनी छह साल की बेटी के साथ गौरी व्रत के पूरा होने पर जुवारे के विसर्जन के लिए नहर के किनारे गए थे।
घटना के बारे में जानकारी के मुताबिक, डॉ. नीरव ब्रह्मभट्ट और उनकी बेटी ने अडालज ब्रिज के पास नर्मदा नहर में जुवारे विसर्जित करने के लिए गए थे। वहां पहुंचने के बाद डॉ. नीरव ने अपनी स्कूटर सड़क किनारे खड़ी की और बेटी को नहर के किनारे छोड़ दिया। इसी दौरान उनका पैर फिसला और वे नहर में गिर गए। नहर की गहराई बहुत अधिक होने के कारण डॉ. नीरव डूब गए और उनकी मौत हो गई।
यह हादसा बेटी के सामने हुआ, जो अपने पिता को बचाने में असमर्थ रही। मासूम बच्ची जब रोती हुई नहर के किनारे मिली, तो आसपास के लोगों ने उसकी मदद की। एक ऑटो चालक ने बच्ची से बात की, तो उसने गुजराती में पूरी घटना बताई और उन्हें घर छोड़ने की विनती की। ऑटो चालक ने उसे सांत्वना दी कि उसके पिता घर वापस आ जाएंगे। बाद में बच्ची को सुरक्षित घर पहुंचाया गया।
डॉ. नीरव की पत्नी भी सिविल अस्पताल में डॉक्टर हैं। यह परिवार गांधीनगर के वावोल स्थित अनास्य ग्रीन्स सोसाइटी में रहता है। घटना की जानकारी मिलने पर डॉ. नीरव की पत्नी डॉ. कोशा तुरंत अस्पताल पहुंचीं, जहां उन्हें अपने पति के असमय निधन की दुखद खबर मिली।
गांधीनगर के चिकित्सा क्षेत्र में डॉ. नीरव ब्रह्मभट्ट के जाने से गहरा शोक व्याप्त है। उनके निधन से पूरा मेडिकल समुदाय और परिवार बेहद दुखी है। मासूम बेटी द्विजा अपने पिता को बार-बार याद कर रही है।
यह घटना हमें सावधानी बरतने की सीख देती है और यह भी याद दिलाती है कि कभी-कभी साधारण सी गलती भी कितनी बड़ी त्रासदी बन सकती है। हम इस परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हैं।