करवा चौथ पर्व पर कुंवारी लड़कियों व सुहागिन महिलाओं द्वारा निर्जला व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा साथी व सुहागिन महिलाओं के पति की उम्र लंबी होती है। इसके साथ ही शादीशुदा जिंदगी में मजबूती व मिठास बनी रहती है। वहीं शास्त्रों में महिलाएं द्वारा व्रत रखने के कुछ नियम बताए गए हैं।
मगर कई बार परिस्थिति ऐसी आ जाती है कि महिलाएं सोच में पड़ जाती है। महिलाओं के सामने आने वाली एक परिस्थिति पीरियड यानि मासिक धर्म का होना है। करवा चौथ का व्रत का साल में एक बार पड़ता है। साथ ही इसे पति की लंबी आयु व अच्छी सेहत के लिए रखा जाता है। ऐसे में मासिक धर्म में व्रत रखने पर महिलाओं के मन में एक डर सा रहता है। ऐसे में वे व्रत में किसी तरह की कोई गलती होने से घबराती है। मगर शास्त्रों अनुसार मासिक धर्म में करवा चौथ व्रत रखने की मनाही नहीं है। ऐसे में अगर आप पीरिडट से गुजर रही है तो बिना किसी परेशानी के व्रत पूरा कर सकती है। बस आपको व्रत दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। ताकि आप बिना कोई गलती किए अपना व्रत पूरा कर पाएं।
ऐसे करें करवा चौथ व्रत की पूजा
ज्योतिष शास्त्र अनुसार, मासिक धर्म में भी महिलाएं बिना किसी परेशानी के करवा चौथ का व्रत रख सकती है। शास्त्रों में इस व्रत को पीरियड दौरान भी रखने की आज्ञा है। मगर हां इस दौरान महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि वे मंदिर में ना जाएं। साथ ही किसी धार्मिक किताब का स्पर्श ना करें। वे घर पर किसी अन्य से करवाचौथ की कथा सुन सकती है। इसके अलावा महिला को मंदिर व पूजा से अलग होकर व्रत रख लेना चाहिए। ऐसा करने से उनका व्रत भी सफल हो जाएगा। साथ ही व्रत भंग का दोष नहीं लगेगा।