मधुमेह यानि डायबिटीज एक बहुत खतरनाक बीमारी है। वर्तमान में हर 5 में से 1 व्यक्ति मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त है। यदि किसी परिवार में मधुमेह की बीमारी पहले से है तो उस परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी यह बढ़ती जाती है। डायबिटीज मुख्यत: पीड़ित व्यक्ति के खून में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होने के कारण होती है। ऐसा तब होता है जब किसी व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का बनना बंद हो जाता है या फिर व्यक्ति के शरीर की कोशिकाएं बन रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते।
डायबिटीज के प्रकार
टाइप 1 डायबिटीज
जब रोगी के शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाती है। उस समय व्यक्ति को मानव निर्मित इंसुलिन का सहारा लेना पड़ता है। तब व्यक्ति को डायबिटीज होती है।
टाइप 2 डायबिटीज
जब रोगी के शरीर की कोशिकाएं उसके शरीर की इंसुलिन पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देती हैं। उस स्थिति में भी व्यक्ति को मधुमेह जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है।
जसटेशनल डायबिटीज
यह डायबिटीज अक्सर गर्भवती महिलाओं को होती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं द्वारा जो दवाएं ली जाती हैं, उन दवाओं के कारण महिलाओं के खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने के कारण ऐसा होता है।
डायबिटीज के लक्षण
- भूख और प्यास ज्यादा लगना
- अचानक वजन कम हो जाना
- चीजों का धुंधला दिखाई देना
- बार-बार पेशाब लगना
- सांस फूलना
- ज्यादा थकान महसूस होना
- शरीर में खुजली होना
- किसी घाव को ठीक होने में अधिक समय लगना
डायबिटीज से शरीर को होने वाले नुकसान
डायबिटीज किसी भी वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ व्यक्तियों की अपेक्षा 10 साल कम जीवित रहते हैं। यह एक जैनेटिक बीमारी है। इस बीमारी को समय पर नियंत्रित न करने से अंधापन, लिवर खराब, हार्ट अटैक आदि का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज में किन चीजों का सेवन न करें
- आलू, चावल, शक्कर, मीठे फल, केला, केक, पेस्ट्री घी, मक्खन, समोसा, कचौरी ज्यादा तेल वाली चीजों का सेवन कम से कम करें।
- किसी भी फल का मुरब्बा, नारियल, गन्ने का रस आदि का सेवन न करें।
- जो लोग मांसाहारी होते हैं वे अंडे, चिकन, मटन, मछली का सेवन करने बचें।
- इसके अलावा चाय, काफी, शराब, धूम्रपान आदि के सेवन से भी परहेज करना चाहिए।