भारतीय रसोई में हल्दी का इस्तेमाल व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 100 से अधिक रासायनिक यौगिकों वाली हल्दी को 'भारतीय केसर' या 'सुनहरा मसाला' भी कहा जाता है। इसमें करक्यूमिन सक्रिय यौगिक होता है जो कई बीमारियों से लड़ने में सबसे अधिक मददगार है। वहीं, कई अध्ययन का मानना है कि हल्दी डायबिटीज मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
14 नवंबर को हर साल डायबिटीज दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। चलिए इस मौके पर जानते हैं कि डायबिटीज मरीजों को हल्दी का प्रयाोग कैसे करना चाहिए...
हल्दी और दालचीनी
1 गिलास दूध में चुटकीभर हल्दी, थोड़ा-सा गुड़ और दालचीनी पाउडर उबालें। इसे नाश्ते से पहले पीएं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शुगर कंट्रोल में रखेंगे। टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के लिए भी इसका सेवन फायदेमंद है।
हल्दी और काली मिर्च
गर्म दूध में हल्दी, काली मिर्च पाउडर व शहद डालकर पीएं। काली मिर्च में पिपेरिन तत्व होता है जो हल्दी के साथ मिलकर खून नली को साफ करता है। इससे खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ता।
हल्दी और आंवला
आंवले में विटामिन-सी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रखता है। वहीं, दोनों में में क्रोमियम भी होता है, जो कार्ब्स को पचाने में मदद करता है, जिससे ब्लड में शुगर कंट्रोल रहता है। इसके लिए हल्दी और आंवला पाउडर को गुनगुने पानी में मिक्स करके पीएं।
हल्दी और अदरक
सर्दियों में अदरक का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होता है। वहीं, शुगर कंट्रोल करने के लिए आफ अदरक -हल्दी का काढ़ा या चाय बनाकर पी सकते हैं।
हल्दी की जड़ों का अर्क लें
यह सबसे आसान तरीकों में से एक है जिससे आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। हल्दी की जड़ के अर्क का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है जिससे शुगर लेवल नहीं बढ़ता। यह बीटा कोशिकाओं के कार्य में भी सुधार करता है, जो मधुमेह के लिए फायदेमंद हैं।
हल्दी वाला दूध पीएं
शोध के अनुसार, हल्दी वाला दूध ना सिर्फ तनाव को कम करता है बल्कि इससे टाइप-2 मधुमेह का खतरा भी कम होता है। ध्यान रखें कि इसके लिए स्किम्ड दूध का ही इस्तेमाल करें।