इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के जमाने में कई ऐसे अविष्कार हो रहे हैं। इन दिनों इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की दुनिया में चैट जीपीटी की बेहद चर्चा हो रही है। चैट जीपीटी एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर आप कुछ भी सवाल पूछते है तो उसका जवाब आपको लिखकर दिया जाता है, इसकी मदद से एक महिला अपने बच्चे को नई जिंदगी देने में कामयाब रही।
3 साल तक तड़प रहा था बच्चा
सोशल मीडिया के तौर पर जिन लोगों ने चैट जीपीटी का उपयोग किया है उन्हें काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिला है, एक महिला ने भी इस पर भरोसा कर एक ऐसा सवाल पूछा जिसका जवाब डॉक्टर्स के पास भी नहीं था। दरसअल अमेरिका की रहने वाली कर्टनी के 4 साल के बेटे को एक अजीब बीमारी हो गई थी, वो दर्द से तड़पता था। हर तरह की चीजों को चबाने की कोशिश करता था। 17 डॉक्टर्स 3 साल तक भी बच्चे की एक दुर्लभ बीमारी को नहीं पहचान सके।
चैटजीपीटी ने बताई बीमारी की असली वजह
हर तरफ से हार मानने के बाद महिला ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के टूल चैटजीपीटी की मदद ली और इस बीमारी के बारे में सवाल किया। एआई के इस टूल ने बच्चे को टेथर्ड कॉर्ड सिंड्रोम बीमारी से पीड़ित बताया जो एक तरह की दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। टेथर्ड कॉर्ड सिंड्रोम एक प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें रीढ़ की हड्डी पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में स्पाइनल कॉर्ड रीढ़ की हड्डी के टिशुज से बंध जाती है। रीढ़ की हड्डी में जकड़न आने के कारण हिलने-डुलने में भी तकलीफ होती है।
बच्चे के लिए फरिश्ता बना चैटजीपीटी
कर्टनी के मुताबिक कोविड के दौरान उसके बच्चे को कुछ भी खाने के बाद चबाने में तेज दर्द होता था, जिसके बाद से उसे डॉक्टरों को दिखाया गया, लेकिन बीमारी के बारे में पता नहीं लग सका। 3 साल तक 17 डॉक्टरों ने उसका इलाज किया लेकिन कोई भी बीमारी का सही निदान नहीं कर पाया। एलेक्स सालों से कष्ट से तड़प रहा था और उसके शरीर के दोनों हिस्सों में असंतुलन था। ऐसे में चैटजीपीटी इस बच्चे के लिए फरिश्ता बनकर आया।
टेथर्ड कॉर्ड सिंड्रोम के संकेत और लक्षण
-पीठ के निचले हिस्से पर घाव ।
-पैर और रीढ़ की हड्डी में विकृति
- पैरों और कमर का सुन्न होना
- चाल में बदलाव या असामान्य चाल।
-पीठ के निचले हिस्से में दर्द।
-त्वचा पर चकत्ते पड़ना या फिर बदलाव आना ।